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कचरा व गंदगी डंपिंग का सुरक्षित स्थान बनकर रह गए शहर विभिन्न तालाब

वर्षों से सफाई को लेकर खूब हुई राजनीति, लेकिन हर बार निभाई औपचारिकता, तालाबों में कचरे से दूषित हो रहा पानी

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किशोर सागर तालाब में पड़ा कचरा

किशोर सागर तालाब में पड़ा कचरा

छतरपुर. शहर में पानी का स्तर मेंटेेन करने और शोभा बढ़ा रहे तालाबों को अब रहवासी ही दूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। नगर पालिका और जिला प्रशासन की कोशिशों के बाद भी लगातार इन तालाबों में कचरा फैका जा रहा है और इससे तालाबों का पानी दूषित हो रहा है। हालात हंै कि कई तालाबों पास से निकालने पर लोगों को दुर्गंध का सामना तक करना पड़ रहा है, जो कभी आसपास के लोगों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वह अब दुर्दशा के शिकार होते जा रहे हैं।

शहर के प्रमुख तालाब किशोर सागर, प्रताप सागर, शंकट मोचन, रानी तलैया, गवाल मंगरा तालाब, सांतरी तलैया, विन्ध्यवासिनी मंदिर तलैया सहित अन्य तालाबों में आसपास के रहने वालों द्वारा कचरा फैका जा रहा है। लोग अपने घरों दिवाली के पहले सफाई कर रहे हैं और घर से निकला कचरा इन तालाबों में फैक रहे हैं। जिससे तालाबों में गंदगी और कचरे की भरमार है। इसको लेकर न तो स्थानीय प्रशासन निगरानी कर रहा है और न ही लोगों को कचरा डालने पर चिंहित कर कार्रवाई की जा रहा है।किशोर सागर तालाब के आसपास रहने वालों में बताया के सुबह के समय और रात में हर रोज लोग पॉलीथिन या थैला में कचरा लेकर आते हैं और तालाब में फैक देते हैं। वहीं इस दिनों लोग कपड़ों की पोटली, दुकानों से निकला कचरा आदि इसी तालाब में फिर रहे हैं। वर्षों से कचरा फिकने से यहां से दिन रात दुर्गंध आती है। इसके बाद भी प्रशासन की ओर से इन तालाबों में सफाई कराने की कवायत शुरू नहीं की जा रही है।

फाइलों में कैद सफाई अभियान

नगर पालिका और समाजसेवियों की ओर से कई बार शहर के तालाबों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास किए गए और समाजसेवियों से इसकी शुरूआत भी की गई। लेकिन इसके बाद नगर पालिका की ओर से सहयोग नहीं मिला। वहीं नगर पालिका की ओर से तालाबों में सफाई करने के लिए अभियान शुरू होने से पहले ही फाइलों में कैद हो गया। जिससे नगरीय प्रशासन की ओर से करीब डेढ़ दशक से किसी भी तालाब में सफाई नहीं कराई गई है।

कचरे से पुराई के बाद कर रहे कब्जारियासत काल से लेकर दो दशक पहले तक कभी छतरपुर को तालाबों का शहर कहा जाता था, लेकिन शहर के 11 में से 4 तालाब तो पूरी तरह खत्म हो गए हैं। बचे 7 तालाब भी भू-माफियाओं के निशाने पर है। तालाबों के अस्तित्व पर गहरा रहे संकट के साथ ही शहर में जलसंकट भी भयावह स्थिति में पहुंच गया है। अधिकांश कुएं, हैंडपंप और नलकूप सूखते चले जा रहे हैं। तालाबों का रकवा कम होता जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन तालाबों को बचाने की दिशा में काम ही नहीं कर रहा है। लोगों को कहना है कि आसपास के लोग पहले कचरा डालते हैं और फिर वहां पर पुराव कराने के बाद कब्जा जमाते हैं।

इनका कहना है

चुनाव के बाद हम सभी तालाबों में सफाई करने के लिए अभियान चलाएंगे, अभी जो भी कचरा फैकते पकड़ा जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। तालाबों के आसपास हम लोगों को कचरा नगर पालिका के कचरा वाहनों में पर डालने के लिए अपील करेंगे।

माधुरी शर्मा, सीएमओ, नपा छतरपुर