
आज के दौर में जहां बड़े-बड़े हाईवे बन रहे हैं, 6 लेन-8 लेन सडक़ों की बात हो रही है, उस दौर में अब भी कुछ स्थान ऐसे हैं जहां सामान्य आवागमन तक मुश्किल है। एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने के लिए नदी-नाले पार करने पड़ रहे हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र सिंगोड़ी से बावई गांव के बीच है। यहां आने-जाने के लिए भजिया नाले से होकर गुजरना पड़ता है। ठंड एवं गर्मी के दिनों में तो इस नाले से गुजरना आसान है, लेकिन बारिश के दिनों में यह खतरे से खेलने के समान है। बावई गांव से सिंगोड़ी आने के बाद ही अमरवाड़ा एवं छिंदवाड़ा आकर तहसील एवं जिले से जुड़े काम निपटाए जा सकते हैं, लेकिन भजिया नाला को याद कर ज्यादातर ग्रामीण अपने काम को टाल देते हैं। इस नाले के कारण बड़ेगांव, गढ़ाछोटा, सगोनिया, पटनिया, बाबई, गढ़ा सालीवाड़ा सहित आधा सैकड़ा ग्रामों के हजारों लोगों के काम प्रभावित होते हैं।
बावई से सिंगोड़ी तक 13 किमी की सडक़ प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत बनी है। इसमें बीच में भजिया नाला है। इस नाले पर लगभग चार करोड़ रुपए की लागत से 50 मीटर पुल निर्माण किया जा रहा है। इस पुल का निर्माण करते हुए तीन साल का समय बीत गया। क्षेत्र के लोगों की मानें तो कभी बड़ा ठेकेदार, तो कभी छोटे ठेकेदार पुल को थोड़ा-थोड़ा करके बना रहे हैं। इस साल ग्रीष्म ऋतु में पुल के पिलर को बनाने के लिए डाली गई निर्माण सामग्री बाद में वापस उठा ली गई। इसका खमियाजा क्षेत्र के हजारों रहवासियों को उठाना पड़ रहा है।
सिंगोड़ी तक पहुंचने के लिए जहां भजिया नाले से सीधे 13 किमी का सफर कर पहुंचा जा सकता है, वहीं इस नाले के उफान में होने पर लोगों को करीब 4-5 किमी अधिक घूमकर बांका मुकासा से सफर कर सिंगोड़ी जाना पड़ता है। इससे न सिर्फ अतिरिक्त समय लगता है, बल्कि वाहनों में अधिक ईंधन भी खर्च होता है। इसका असर ग्रामीणों की जेब पर सार्वजनिक वाहनों के बढ़ जाने वाले किराए पर पड़ता है। हालांकि यह सडक़ भी फिलहाल निर्माणाधीन है, जिसमें अभी मुरुमीकरण ही हुआ है। लेकिन भजिया नाले के खतरे की तुलना में यह बेहतर विकल्प है।
बावई से सिंगोड़ी तक जाने के लिए बांका मुकासा होकर पक्की सडक़ बनवाई जा रही है। फिलहाल चलने लायक सडक़ तैयार है। स्कूल बस, सहित अन्य वाहन इसी से गुजरकर सिंगोड़ी तक जा रहे हैं। - जयदेव शर्मा, सीईओ जनपद पंचायत अमरवाड़ा
भजिया नाले पर बनाए जा रहे पुल के निर्माण कार्य में देरी के कारण वर्तमान निर्माण एजेंसी स्वामी कृपा कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्य को निरस्त कर दिया गया है। जल्द ही नए सिरे से निर्माण के लिए निविदा बुलाई जाएगी। तब तक के लिए डायवर्टेड रूट बांकामुकासा को आवागमन लायक किया गया है। - कविता पटवा, जीएम, एमपी आरआरडीए पीआईयू छिंदवाड़ा
Published on:
07 Jul 2025 11:38 am
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