इसमें निर्धारित तिथि में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी भोपाल से दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के निर्देश मिलने पर सीएमएचओ डॉ. जेएस गोगिया के निर्देश पर डीएचओ-3 डॉ. लोकनाथ धुर्वे को भोपाल जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन तबीयत खराब होने तथा मामले में ज्यादा जानकारी न होने पर डॉ. धुर्वे वहां उपस्थित नहीं हुए थे। बता दें कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से रंगरोगन-मरम्मत कार्य किए गए थे।
इसकी जांच के लिए भोपाल से ऑडिट टीम छिंदवाड़ा पहुंची थी। जांच के दौरान आवश्यक दस्तावेज न मिलने पर टीम ने आपत्ति लगाई थी। इस दौरान मामले को दबाने के लिए पैसों की मांग का आरोप भी एक-दूसरे पर लगाया गया था। पत्रिका ने इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
इंजीनियर से नहीं कराया अनुमोदन किसी भी विभाग में निर्माण, रंगरोगन, मरम्मत समेत अन्य कार्यों के लिए सिविल इंजीनियर से अनुमानित लागत तथा कार्य पूर्ण होने का अनुमोदन लिया जाता है। इसके साथ ही सम्बंधित क्षेत्र के बीएमओ या संस्था प्रमुख से उपयोगिता प्रमाण-पत्र भी लिया जाता है। इसके बावजूद उक्त कार्यों में सम्बंधित दस्तावेजी कार्यवाही पूरी नहीं की गई है। बताया जाता है कि इसी बात पर ऑडिट टीम ने आपत्ति लगाई है।