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छिंदवाड़ा. प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने नई शराब नीति को लागू किया है। इसके तहत अब मुख्य सड़कों के किनारे और आबादी वाले क्षेत्रों में भी धड्ल्ले से शराब की दुकानें खुल चुकी है। पूर्व के नियम इससे हटकर थे। किन्तु नए नियम में भी यह कहीं नहीं है कि शराब का विज्ञापन किया जाए। जबकि जिले में जगह-जगह शराब का विज्ञापन मुख्य सड़क पर तख्तियां लगाकर किया जा रहा है जो पूरी तरह नियमों के खिलाफ है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शराब के विज्ञापन को नियम विरुद्ध और आमजन के स्वास्थ्य के खिलाफ माना है। आबकारी एक्ट में भी इसका उल्लेख है कि शराब और दुकान का विज्ञापन सार्वजनिक तौर पर नहीं किया जा सकता है। इसके बाद भी जिला मुख्यालय से लेकर जिले के ब्लॉक मुख्यालयों की शराब दुकान के आस-पास होर्डिंग व तख्तियां लगाकर खूब प्रचार प्रसार किया जा रहा है। सम्बंधित शराब दुकान का मालिक नियमों को नहीं जानता होगा, किन्तु आबकारी के अधिकारी तो नियमों को जानते हैं फिर भी उसका पालन नहीं करा पा रह हैं। एक ओर जहां नियमों की धज्जियां उड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर नशाखोरी को आगे देखकर बढ़ावा दिया जा रहा है। शहर के सिवनी रोड, परासिया रोड, खजरी रोड, नागपुर रोड पर दुकानों के आस-पास की स्थिति देखने लायक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट के अनुसार में यह उल्लेख भी किया गयाा है कि शराब पीने को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। इसमें शराब पीने वालों को ध्यान में रखकर विज्ञापन बनाए जा रहे हैं।
शराब पीने से मौत का आंकड़ा बड़ा
डब्ल्यूएचओं की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में मद्यपान यानी शराब के सेवन को नुकसानदेह माना है। हर वर्ष इससे 30 लाख लोगों की जान जाती है। इससे कुल होने वाली मौतों का पांच फीसदी माना है। रिपोर्ट में सबसे अधिक चौकाने वाले तथ्य यह है कि शराब की वजह से मरने वालों में युवाजन की संख्या बड़ी है। 20 से 39 वर्ष उम्र में होने वाली कुल मौतों में करीब 13 प्रतिशत ऐल्कोहॉल सेवन के कारण होती है।
कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए हैं
जहां भी इस तरह नियमों का उल्लंघन होता पाया जाएगा कार्रवाई की जाएगी। सम्बंधित मैदानी अमले को जांच और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।
-अमिताभ त्रिपाठी, सहायक आबकारी अधिकारी, छिंदवाड़ा
Published on:
25 Sept 2022 03:55 pm
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