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अब निशुल्क होगी ब्लड जांच, बनाई गई यह व्यवस्था

जिला अस्पताल: विभाग ने खरीदी दो नई मशीनें, मरीजों को मिली बड़ी राहत, बायोकैमिस्ट्री समेत शुरू हुईं 40 तरह की ब्लड जांचें

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Blood test, this system will now be made free

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छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल की बायोकैमिस्ट्री तथा पैथालॉजी ब्लड जांच लम्बे समय के बाद अब शुरू हो गई है। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिली है। वर्तमान में लैब में 40 तरह की ब्लड जांच निशुल्क की जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. जेएस गोगिया तथा आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि विभाग ने इसके लिए दो बायोकैमिस्ट्री एनालाइजर मशीन खरीदी है। बताया जाता है कि लैब की पुरानी मशीन जो मरम्मत के लिए भोपाल भेजी गई थी, उसे सुधारे बिना वापस भेज दिया गया है।


इधर, जिला अस्पताल में नई मशीनों के आने से निजी लैब संचालकों की मनमानी पर नियंत्रण लगा है। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल की बायोकैमिस्ट्री लैब पिछले पांच माह से बंद थी। इसके कारण हार्ट, किडनी समेत अन्य कई तरह की गंभीर जांच नहीं हो पा रही थी। उधर, मरीजों से निजी लैब संचालक मनमनी फीस वसूल रहे थे तथा अस्पताल में भर्ती मरीजों के ब्लड सेम्पल भी बिना किसी अनुमति के निकाल रहे थे।

इस समस्या के संदर्भ में पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर प्रशासनिक तथा चिकित्सा अधिकारियों के ध्यान में मामले को लाया था। इसी बीच कलेक्टर के औचक निरीक्षण के दौरान भी उक्त मुद्दे को उठाया गया था। जिस पर शीघ्र ही उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया था।


ये जाचें निशुल्क : जिला अस्पताल की लैब में हीमोग्लोबिन, यूरिन फॉर एल्यूमिन/शुगर, यूरिन फॉर प्रेगनेंसी टेस्ट, मलेरिया एंटीजन फॉर, पी वायवैक्स पी., फाल्सीफेरम, स्लाइड कलेक्शन फॉर पीवीएफ एवं स्पुटम एएफवी, यूरिंग, ब्लड शुगर, सीरम यूरिया, सीरम कोलेस्ट्रॉल, सीरम बिलुरुबीन, टायफाइड कार्ड टेस्ट, बीटीसीटी, स्टूल एक्जाम, इएसआर, कम्प्लीट काउंट, पीबीएफ फॉर मलेरिया, स्फूटम एएफबी, एसजीओटी, एसजीबीटी, एएलकपीओ-4, जी-6 पीडी डिफिसियेंसी टेस्ट, सीरम क्रियेटीन/ प्रोटीन, आरए फैक्टर, एचबीएसएजी, विड्राल, सीमेन एनालिसिस, लिपिट प्रोफाइल, एचसीवी, एचआइवी, सीआपी, मेटोलॉजी, डेंगू, चिकनगुनिया, ब्लड यूरिन कल्चर, पश कल्चन एवं सेंसिटीविटी, थ्रोट स्वेब कल्चर, स्किन स्मीयर फॉर एएफपी, प्रोथ्रोम्बीन टाइम, पीटीटी, सीपीके-एमबी, सीएसएफ एनालिसिस, सीएसफ कल्चर एवं सेंसिटीविटी, क्लोरल एसेटिक एनालिसिस, पीएपी स्मीयर फॉर साटोलॉजी, सीरम इलेक्ट्रोलाइट, टॉर्च टेस्ट, थाइराइट प्रोफाइल आदि शामिल है।


टेक्निशियनों की कमी बनी चुनौती


पैथालॉजी लैब वर्तमान में कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। तीन कर्मचारियों का कार्य एक व्यक्ति को करना पड़ रहा है। हाल ही जिला अस्पताल से चार टेक्निशियनों का तबादला होने से यह स्थिति निर्मित हुई है। बताया जाता है कि वर्तमान में विभाग में टेक्निशियन के सात पद रिक्त हैं। जबकि प्रतिदिन लैब की ओपीडी 250 से अधिक होती है तथा एक मरीज की चार से पांच तरह की ब्लड जांच होती है। इस तरह प्रतिदिन 700 से 900 तरह की ब्लड जांच होती है।