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बिल्डिंग मेंटेनेंस के नाम पर बजट गायब, बारिश में तिरपाल के सहारे ऑफिस

हर साल जून से सितंबर तक टपकती है छत, 50 साल से अधिक के भवन जर्जर और बदहाल

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छिंदवाड़ा/ बारिश लगते ही जर्जर और बदहाल सरकारी ऑफिस की छतें फिर टपकने लगी है। मजबूरन तिरपाल लगानी पड़ी तो कहीं पीडब्ल्यूडी ऑफिस में अर्जी देकर दौड़भाग करनी पड़ रही है। कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर तहसील कार्यालय, पटवारी कक्ष या फिर राजस्व रिकॉर्ड रूम तो वहीं जिला अस्पताल का सिविल सर्जन ऑफिस व टाउनहॉल परिसर में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के ऑफिस में पहुंचकर छत से फर्श तक आती बूंदों को देखा जा सकता है। बिल्डिंग मेंटेनेंस के नाम पर बजट की बात करो तो हर किसी को सांप सूंघ जाता है।
सरकारी रेकॉर्ड देखा जाए तो सबसे पुरानी बिल्डिंग टाउनहॉल की वर्ष 1920 के आसपास की है, जहां नगर एवं ग्राम निवेश विभाग का ऑफिस और नगर निगम के स्वच्छता विभाग का स्टोर रूम है। इस बिल्डिंग में बारिश आते ही छत टपकने की समस्या शुरू हो जाती है। इसी तरह तहसील कार्यालय, पटवारी कक्ष और राजस्व रिकॉर्ड रूम भी करीब 50 से 70 साल पुराना है। इन बिल्डिंग में समय के प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जिला अस्पताल का सिविल सर्जन ऑफिस भी इस श्रेणी में आता है, जहां हर साल बारिश के पहले छतों पर तिरपाल तान दी जाती है। वन विभाग के खजरी स्थित लावाघोघरी रेंज ऑफिस में भी तिरपाल को देखा जा सकता है। इन बिल्डिंग की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। अहम सवाल यह है कि कई साल से इन विभागों के पास मेंटेनेंस का बजट नहीं है या फिर उसे गायब कर दिया जाता है।
पीडब्ल्यूडी की कलेक्ट्रेट शाखा के इंजीनियर एनके सूर्यवंशी का कहना है कि किसी भी सरकारी विभाग की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए अलग से पीडब्ल्यूडी के पास बजट नहीं है। सम्बंधित विभाग के अधिकारी के कहने पर इस्टीमेट तैयार कर दे देते हैं। फिर उनका बजट आते ही मरम्मत कर देते हैं।

रिकॉर्ड रूम के लिए लिखा पीडब्ल्यूडी को पत्र

कलेक्ट्रेट परिसर स्थित राजस्व रिकॉर्ड रूम की हालत जर्जर बनी हुई है। इस बार भी टपकती छतों को सुधारने के लिए प्रशासन की ओर से पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है। इस रिकॉर्ड रूम की हालत यह है कि अभिलेखागार में वर्ष 1914-15 की मिसलबंदी, वर्ष 1967-68 के अधिकार अभिलेख और वर्ष 1970 से खसरा-नक्शा उपलब्ध है। कक्ष में जगह कम होने से तहसील व जिलास्तर के राजस्व रिकॉर्ड रखने की स्थिति नहीं बन पा रही है। इस रिकॉर्ड रूम की मरम्मत हो जाए तो कुछ स्थान निकल सकता है।

मेंटेनेंस करा दिया जाएगा

सरकारी बिल्डिंग की मरम्मत के नाम पर बजट पीडब्ल्यूडी को उपलब्ध कराया जाता है। इसकी समीक्षा कर बिल्डिंग का मेंटेनेंस करा दिया जाएगा।
सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर, छिंदवाड़ा