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Teachers: जेल में शिक्षा की अलख जागा रहे बंदी शिक्षक, क्या है मामला पढ़ें यह खबर

पेशे से शिक्षक है, लेकिन कार्य स्थल पर ऐसी हरकतें कर दी जिसके चलते अब उन्हें जेल में रहना पड़ रहा है।

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Teachers: जेल में शिक्षा की अलख जागा रहे बंदी शिक्षक, क्या है मामला पढ़ें यह खबर

जेल में शिक्षा की अलख जागा रहे बंदी शिक्षक, क्या है मामला पढ़ें यह खबर

छिंदवाड़ा. पेशे से शिक्षक है, लेकिन कार्य स्थल पर ऐसी हरकतें कर दी जिसके चलते अब उन्हें जेल में रहना पड़ रहा है। विचाराधीन बंदी के रूप में चार दीवारी में बंद शिक्षक जिला जेल के अशिक्षित बंदियों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। क, ख, ग, घ, पढ़ा रहे हैं। इस पहल का फायदा उन्हें मिल रहा है जो अपना नाम बोल तो पाते हैं, किन्तु लिख नहीं पाते।

जेल के मुख्य गेट से बंदियों के प्रवेश के साथ ही प्रबंधन रजिस्टर में किया गया अपराध, निवास स्थान एवं शिक्षा के सम्बंध में विस्तृत जानकारी दर्ज करता है। अंदर आने से पहले ही उसकी सम्पूर्ण योग्यता की जानकारी जेल के अधीक्षक के पास होती है। उसकी योग्यता व कौशल को ध्यान में रखते हुए उसे काम सौंपा जाता है ताकि वह मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत रहे। वर्तमान में दो विचाराधीन शिक्षकों से पढ़ाने का काम लिया जा रहा है। जिन्होंने कभी स्कूल की दहलीज पर कदम नहीं रखा ऐसे 50 बंदियों को पढ़ाया और लिखाया जा रहा है। इनमें विचाराधीन एवं सजायापता दोनों ही शामिल है। दो पाली में स्कूल संचालित करते हैं। सबसे खास बात यह है कि दोनों ही शिक्षक पर पढ़ाने के लिए प्रबंधन ने दबाव नहीं बनाया, स्वयं उन्होंने ही इच्छा जाहिर की कि वे जब तक यहां रहेंगे तब तक निरक्षर बंदियों को शिक्षा उपलब्ध कराएंगे। उन्हीं के प्रयासों से वर्तमान में पाठन व पठन का कार्य जारी है। छिंदवाड़ा जिला जेल के इस 725 बंदी है। जबकि जेल की क्षमता 470 की है।

एक लाइब्रेरी हो रही तैयार
जेल में बंदियों के पढऩे के लिए लाइब्रेरी नहीं है। इसकी कमी को महसूस करते हुए जिला जेल अधीक्षक यजुवेन्द्र वाघमारे ने एक लाइब्रेरी की परिकल्पना की थी जिसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। एक कमरा तैयार हो रहा हैं, जिसमें विभिन्न विषयों की किताबों का संग्रह होगा। बताया जा रहा है कि किताबें सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं की ओर से दी जाएगी। इसके अलावा अगर कोई स्वयं चाहे तो वह भी यहां किताबों का दान कर सकता है। समय-समय पर बंदी लाइब्रेरी से पुस्तकें लेकर पढ़कर ज्ञान अर्जित कर सकेंगे।

बंदियों को पढ़ा रहे शिक्षक
जेल में दो विचाराधी शिक्षक बंदी पचास बंदियों को पढ़ा रहे हैं। एक कमरा लगभग तैयार हो चुका है जिसमें लाइब्रेरी संचालित की जाएगी। पुस्तकें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त की जाएगी।

-यजुवेन्द्र वाघमारे, अधीक्षक, जिला जेल, छिंदवाड़ा