नहीं पड़ी कोचिंग की जरूरत
आशाराम गुरुकुल में पढऩे वाली क्रुति कुकरेजा ने बताया कि नियमित पढ़ाई सबसे ज्यादा जरूरी है। गैप हो जाए तो कवर करना चाहिए। नियमित स्कूल जाने से कोचिंग की जरूरत नहीं पड़ी। स्कूल से मिलने वाला होमवर्क नियमित पूरा किया। घूमना-फिरना, मोबाइल प्रत्येक गतिविधि के लिए समय निकाले। यहां तक कि पिता विजय कुकरेजा की तबीयत खराब होने पर एक माह तक दिल्ली में उनकी देखरेख भी की। उसके बाद भी अपने कोर्स को पूरा किया। क्रुति ने बताया कि शिक्षकों के मार्गदर्शन से एनसीईआरटी पुस्तक सहित अन्य पुस्तकों का अध्ययन, गत वर्षों के प्रश्नों का हल करने से भी मदद मिली। भविष्य में वे आईआईटी करना चाहती हैं। फिलहाल जेईई की तैयारी करेंगी।
मोबाइल का इस्तेमाल केवल पढ़ाई के लिए
फस्र्ट स्टेप स्कूल में पढऩे वाली मुस्कान गुरधे ने बताया कि बिना किसी कोचिंग के ही रेगुलर सेल्फ स्टडी से उनकी पढ़ाई काफी अच्छी हुई। परीक्षा के हिसाब से गत सालों के प्रश्नों को हल करने से काफी मदद मिली। टाइम शेड्यूल स्कूल के अलावा चार से पांच घंटे पढ़ाई के लिए निकालें। अतिरिक्त गतिविधियों में ड्राइंग, पेंटिंग, डांसिंग, डिबेट, इंग्लिश की तैयारी शामिल है। सोशल मीडिया में एक्टिव नहीं हैं, लेकिन मोबाइल का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करती हैं। पढऩे के लिए किसी एक दिन वे भारी एवं हल्के विषय के पेयर का चयन करती थीं। भारी विषय को पढऩे के बाद उसी दिन हल्के विषय की पढ़ाई कर लेती थीं। भविष्य में सिविल सर्विस की तैयारी करेंगी। फिलहाल बीए में प्रवेश लेना है।