
खंडवा.कृषि उपज मंडी में पिछले कुछ दिनों से कपास की बंपर आवक हो रही है। खंडवा के अलावा पड़ोसी जिले खरगोन के भीकनगांव तहसील के किसान भी कपास बेचने खंडवा पहुंचे हंै। दो दिन में 520 वाहन कपास की आवक हुई। वहीं कपास के भाव किसानों की उम्मीदों के अनुरूप नहीं मिल रहे। कम भाव मिलने से किसानों के चेहरे पर खुशी की बजाय मायूसी नजर आ रही।
छिंदवाड़ा/सौंसर. कृषि उपज मंडी के प्रांगण में 3 दिनों से बड़ी तादाद में कपास की गाडिय़ां खड़ी है। किसान अपनी खेती की उपज कपास बेचने के लिए मार्केट में जा रहा है, लेकिन निजी व्यापारीयो के द्वारा भाव कम दिए जाने के कारण किसान अपना कपास भारतीय कपास निगम में बेचने के लिए जा रहा है, जहां उन्हें शासन द्वारा निर्धारित अच्छा भाव मिल रहा है, लेकिन यहां पर कपास निगम के कर्मचारी की लापरवाही के कारण किसानो को बड़ी परेशानी हो रही है।
किसानों ने बताया की दो-तीन दिन से कृषि उपज मंडी के प्रांगण में बड़ी तादाद में कपास से लदी गाडिय़ां खड़ी है, लेकिन इसे लेने वाले कोई नहीं है। किसानों ने बताया की
निगम के प्रभारी शरद मस्के किसानों से ढंग से बात करने को तैयार नहीं। रविवार को पूरे देश में कोरोना के कारण प्रधानमंत्री ने अलर्ट रहने के लिए बंद घोषित किया है। ऐसी स्थिति में यहां बड़ी तादाद में कपास की गाडिय़ां खड़ी है, जिसकी देखरेख के लिए किसान को रहना आवश्यक है। इस संबंध में तहसीलदार डॉ. अजय भूषण शुक्ला का ध्यान आकर्षित करने पर उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी तरह से कपास की गाड़ी खरीद कर उसका तोल किया जावे। जब सीसीआई के प्रतिनिधि मस्के को इस संबंध में पूछा तो उन्होंने अपनी असमर्थता बताते हुए ठीक व्यवहार नहीं किया, जिससे किसानों में असंतोष है।
Published on:
24 Mar 2020 05:27 pm
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