
पालाखेड़. विधानसभा सौंसर अंतर्गत मोहखेड़ तहसील के कई गांवों के ग्रामीणों ने अब मोहखेड़ मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय खोलने की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि शासन की ओर से प्रयास रहता है कि आम जनता सीधे बड़े अधिकारियों से मुखातिब हो से और अधिकारी भी आम जनता की समस्या पर त्वरित काम करे। लेकिन मोहखेड़ तहसील के कई ग्रामीणों को राजस्व एवं अन्य कामकाज के लिए एसडीएम कार्यालय सौंसर जाना होता है। वैसे तो मोहखेड़ मुख्यालय से सौंसर की दूरी लगभग 40-45 किमी है जिससे मोहखेड़ वासियों को कम दिक्कत होती है लेकिन मोहखेड़ तहसील का क्षेत्रफल काफी बड़ा है। इसके अंतर्गत मुख्यालय से दूरस्थ क्षेत्र लावाघोघरी, मैनीखापा, हीरावाड़ी, सहित दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन गांवों से सौंसर की दूरी लगभग ९०-१०० किमी है। जिससे इन गांवों के ग्रामीणों को एसडीएम कार्यालय में कामकाज या शिकायत करने में काफी लम्बा सफर करना पड़ता है वहीं आने-जाने में ही पूरा दिन लग जाता है।
खासबात है कि यहां इस क्षेत्र में सबसे अधिक आदिवासी रहते हैं। अगर इस क्षेत्र में किसी व्यक्ति को एसडीएम कार्यालय में काम है तो उसे सौंसर जाना पड़ेगा तो उसे निजी साधन से ही जाना होगा ताकि वह समय पर पहुंच सके। अगर कोई बस या टैक्सी से सफर करे तो उसे एसडीएम कार्यालय सौंसर पहुंचने में कम से कम 4-5 घंटे लग जाते है। ऐसे में यदि समय पर साहब मिले तो ठीक नहीं तो पूरा सफर बेकार साबित हो जाता है। इसी बड़ी समस्या से आदिवासी अंचल के ग्रामीण जूझ रहे हैं। समय पर जो समस्या व्याप्त होती है उससे छुटकारा भी नहीं मिलता। इन सभी कारणों से लोग मोहखेड़ मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय खोलने की मांग उठा रहे हैं ताकि राजस्व के कामकाज कराने में लोगों को आसानी हो। मोहखेड़ आने जाने वाले के लिए दूरस्थ क्षेत्रों से भी साधन उपलब्ध है। वहीं समय भी कम लगेगा।
ग्रामीणों में अब नई सरकार से उम्मीद जागी है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ इस ओर ध्यान देंगे। साथ ही नवनिर्वाचित विधायक पांढुर्ना नीलेश उइके का भी मोहखेड़ तहसील के मैनीखापा गृहग्राम है। ऐसे में ग्रामीणों को उम्मीद है नई सरकार उनकी मांग पर जरूर कोई न कोई पहल करेगी।
Published on:
24 Dec 2018 05:13 pm
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