
water problem
छिंदवाड़ा/गुढ़ी अम्बाड़ा. ग्राम पंचायत पालाचौरई के सायडिंग में रहने वाले लोगों को रेलवे लाइन पार कर पानी लाना पड़ता है। जिससे उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं दुर्घटना का भय अलग बना रहता हैं। पिछले 40-50 साल से सायडिंग क्षेत्र में पानी के कोई स्रोत नहीं है जिससें यह समस्या हैं। खास बात है कि यहां के बाशिंदों को पेयजल आसानी से मिल सके इसके लिए शासन-प्रशासन ने कभी कोई प्रयास नहीं किया।
ज्ञात रहे कि जुन्नारदेव तहसील के अंतर्गत आने वाले सायडिंग क्षेत्र में निवासरत लोग प्रदूषण की समस्या से वैसे ही त्रस्त है वहीं पीने के पानी का अभाव ने मुश्किले बढ़ा दी हैं।
साइडिंग में कोल यार्ड : सायडिंग क्षेत्र कोयलांचल क्षेत्र के अंर्तगत आता हैं क्योंकि उपक्षेत्र अंबाड़ा कें अन्र्तगत आने वाली सभी भूमिगत से लेकर ओपन कास्ट से निकला कोयला सायडिंग में एकत्रित होता है। फिर रेलवे के माध्यम से कोयला बाहर जाता हैं। कोयला एकत्रित होने से यहां कोल डस्ट एकत्रित होता हैं जो बाद में प्रदूषण का रूप ले लोगों को परेशान करती हैं।
40-50 वर्षो से है समस्या
सायडिंग क्षेत्र में पानी की यह ज्लवंत समस्या कोई आज की नहीं पिछलें 40-50 वर्षों से की हैं जिसकें चलते लोग पानी लाने मे भारी परेशानी होते हैं। कोयलांचल क्षेत्र होने के चलते ही यहां पानी के कोई स्रोत्र नहीं है यदि ज्यादा प्रयास किए तो काला या मटमैला पानी निकलता हैं जो पीने योग नहीं हैं।
रेलवे लाइन के आगे है पानी
सायडिंग क्षेत्र में पानी के कोई भी स्त्रोत नहीं है, यदि पीने का शुद्ध पानी लाना हैं तो उन्हें रेलवे स्टेशन पालाचैरई जाना पढ़ता हैं। जहां रेलवे का कुआं हैं। यहीं से पानी लाया जाता हैं जिसके लिये रेलवे लाइन पार कर पानी लाया जाता है। जिसकी वजह से भय बना रहता हैं जो जन हित में नहीं हैं।
Published on:
20 Nov 2021 07:06 pm
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