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मुंबई-कोलकाता में लॉकडाउन से बिगड़े हालात का एमपी के इस जिले पर पड़ रहा असर, पढ़ें पूरी खबर

वॉल्व और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं आए, अधर में फंसी पेयजल परियोजनालगातार लक्ष्य से पिछड़ता जा रहा काम

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छिंदवाड़ा/ नगर निगम के 24 गांवों में पेयजल पहुंचाने की अमृत परियोजना इस बार मुंबई-कोलकाता से वॉल्व और इलेक्ट्रानिक उपकरण न आने से अधर में फंस गई है। इससे 15 जून तक दस गांवों में पानी पहुंचाने का नगर निगम का लक्ष्य दूर होता नजर आ रहा है। निगम अधिकारी महानगरों में कोरोना लॉकडाउन के चलते आवागमन में आ रही बाधा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
करीब 75 करोड़ रुपए की अमृत योजना में अब तक 25 किमी तक मेन पाइप लाइन धरमटेकरी फिल्टर प्लांट तक बिछाई जा चुकी है। अजनिया सम्पवेल और फिल्टर प्लांट के साथ पेयजल टंकी का निर्माण तथा डिस्ट्रीब्यूशन लाइन भी पूरी कर दी गई है। माचागोरा बांध में इंटकवेल निर्माण में स्लैब ढाल दिया गया है। केवल छह मीटर ऊंची दीवार बनना शेष रह गया है। निगम के इंजीनियर कह रहे हैं कि पेयजल लाइन की टेस्टिंग के बीच सिर्फ वॉल्व और इलेक्ट्रानिक सामग्री लगाना शेष रह गई है। यह तकनीकी सामान मुम्बई और कलकत्ता से आता है। लॉकडाउन की वजह से सम्बंधित कंपनियों से इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे प्रथम चरण के दस गांवों में पेयजल की शुरुआत करने की योजना टालनी पड़ रही है। जब तक ये सामान नहीं आएगा, बाधा नहीं रहेगी।

आयुक्त ने किया निरीक्षण, जल्द पूरा करने कहा

निगम आयुक्त हिमांशु सिंह ने अमृत प्रोजेक्ट में आ रही तकनीकी समस्या को देखते हुए इसका निरीक्षण किया। उन्होंने धरमटेकरी फिल्टर प्लांट, अजनिया सम्पवेल और माचागोरा बांध के पाइंट जमहोड़ी पंडा में इंटकवेल निर्माण को देखा। इस दौरान उन्होंने तकनीकी सामग्री की आपूर्ति जल्द कर इस परियोजना को पूरी करने के निर्देश दिए। निरीक्षण में कार्यपालन यंत्री ईश्वर सिंह चंदेली भी उपस्थित हुए।