
छिंदवाड़ा/ गर्मी में भू-जल स्तर बेहतर बना रहने से इस साल जिले के प्रमुख जलाशयों के पानी का उपयोग ज्यादा नहीं हो पाया। इसके चलते कन्हरगांव, माचागोरा और बाघ्यानाला जैसे बड़े जलाशयों में पर्याप्त जलभंडार बना हुआ है। इस बार बारिश मेहरबान रही तो ये डैम ओवरफलो हो जाएंगे।
जल संसाधन विभाग की वेबसाइट के मुताबिक शुक्रवार तक कन्हरगांव डैम में पानी का स्तर 710 मीटर रहा। जबकि जलाशय की अधिकतम क्षमता 713.80 मीटर है। इसी तरह माचागोरा डैम में लेवल 621.76 मीटर बना हुआ है। अधिकतम क्षमता 625.75 मीटर है। इसके अलावा सौंसर की बाघ्यानाला परियोजना की जलभंडार क्षमता भी 416.91 मीटर पर स्थिर बनी है। इसकी अधिकतम क्षमता 417.39 मीटर के हिसाब से इस पानी का उपयोग भी बहुत कम हो पाया है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि पिछले वर्ष 2019 की बारिश के अलावा 2020 में अप्रैल-मई तक पानी गिरता रहा। इससे भू-जल स्तर बेहतर रहा। कहीं भी डैम के पानी के ज्यादा उपयोग की स्थिति नहीं बनी।
इधर, नगर निगम पिछले साल 2019 से अप्रैल 20 तक कुलबेहरा नदी लबालब रहने से इस डैम का उपयोग नहीं कर पाया। किसानों को जरूर रबी सीजन में पानी मिला। इससे डैम अपेक्षाकृत ज्यादा खाली नहीं हो पाया। इस बारिश सीजन की शुरुआत जून में फिर कुलबेहरा नदी भर गई है। नगर निगम के इंजीनियर आरके सहस्त्रबुद्धे का कहना है कि कुलबेहरा नदी के पानी के चलते कन्हरगांव डैम का पानी ज्यादा उपयोग नहीं किया गया। अब पुन: कुलबेहरा नदी में छह फीट पानी आने से निगम ने इसकी आपूर्ति शुरू कर दी है।
Published on:
13 Jun 2020 05:41 pm
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