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गोटमार : झंडे के लिए आज लड़ा जाएगा पत्थरों से युद्ध 

 सदियों से परंपरा के नाम पर लोग जाम नदी के बीचोबीच पलाश के पेड़ का झण्डा गाड़कर गोटमार खेलते हैं। 

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Arun Garhewal

Sep 02, 2016

chhindwara

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पांढुर्ना (छिंदवाड़ा). जिला प्रशासन द्वारा सीमाओं को सील करने के बावजूद गोटमार को उत्साह से खेलने के लिए खिलाडिय़ों ने जाम नदी के तट के दोनों ओर भारी संख्या में पत्थर जमा कर दिए हैं। शुक्रवार को होने वाले गोटमार खेल को पूरे उमंग और उत्साह के साथ खेला जाएगा। सदियों से परंपरा के नाम पर लोग जाम नदी के बीचोबीच पलाश के पेड़ का झण्डा गाड़कर गोटमार खेलते हैं।

पांढुर्ना पक्ष इस झण्डे को तोडऩे का प्रयास करते हैं। वहीं सांवरगांव पक्ष उन्हें ऐसा करने से पत्थर मारकर रोकते है। पूरे विश्व में यह एकमात्र ऐसा खेल है। जिसमें होने वाले खून खराबे के लिए जिला प्रशासन सारी व्यवस्थाएं करता है। दिन भर पांढुर्ना और सांवरगांव वाले एक दूसरे को पत्थर मारकर गोटमार खेलेंगे। इस दौरान कई लोग मामुली रूप से तो कई लोग गंभीर रूप से जख्मी भी जाएंगे। बताया जाता है कि लोग इस खेल को पिछले 300 सालों से यूं ही परंपरा और चंडी माता के आशीर्वाद से आस्था स्वरूप खेले जा रहे हैं। इस खेल में पत्थर लगने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।

गोटमार मेला को शांतिपूर्वक संपन्न कराने को लेकर पांढुर्ना में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस बल को दिन भर पांढुर्ना पुलिस थाने में ठहराया गया। गोटमार की पूर्व संध्या पर पुलिस बल ने तार बाजार क्षेत्र में मार्च निकाला।
एसडीओपी खुमानसिंह धु्रव और टीआई के के त्रिवेदी ने बताया कि शांति पूर्वक मेले संपन्न हो जाए इसकी पूरी तैयारियां कर ली गयी है। इधर मेले में घायल होने वालों के लिए भी चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। सांवरगांव में दो स्थानों पर और पांढुर्ना की ओर मेले में दो स्थानों पर चिकित्सा केन्द्र बनाएं गए हैं।

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