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नौतपा पर भारी बारिश…खरीफ सीजन की बोवाई के लिए तैयार नहीं हो पा रहे खेत

आसमान में बादलों के डेरा से बढ़ी किसानों की चिंता, मानसून आने के लिए नहीं पड़ रही पर्याप्त गर्मी

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नौतपा पर भारी बारिश...खरीफ सीजन की बोवाई के लिए तैयार नहीं हो पा रहे खेत

नौतपा पर भारी बारिश...खरीफ सीजन की बोवाई के लिए तैयार नहीं हो पा रहे खेत

छिंदवाड़ा. मई के अंत में नौतपा की चिलचिलाती धूप के बीच आसमान में बादलों के डेरा और असमय बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। उनके साथ कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि नौतपा की पर्याप्त गर्मी जमीन तक नहीं पहुंची तो मानसून की लेटलतीफी जून में परेशान करेगी। इससे खरीफ सीजन की मक्का, मूंग, तुअर समेत अन्य फसलों के लिए खेत भी तैयार नहीं हो पाएंगे।
देखा जाए तो इस साल मार्च से शुरू हुई गर्मी में कभी उच्च स्तर का तापमान 44 डिग्री देखने को नहीं मिला। लगातार तीन माह में कई बार बारिश होने से खेतों की तैयारी प्रभावित रही। जमीन में पिछली गेहूं की फसल के अवशेष तथा कीट नष्ट नहीं हो पाए। मई के शुरुआती समय में पानी बरसता दिखाई दिया। दूसरे पखवाड़े में भी मौसम का उलटफेर परेशान करने वाला रहा। नौतपा में भी बार-बार आसमान में बादल बन रहे हैं। सोमवार सुबह 5 बजे से 6.30 बजे तक डेढ़ घंटे की झमाझम बारिश भी अलग किसानों को परेशान करती दिखी।
किसानों का कहना रहा कि ये बारिश ग्रीष्मकालीन मूंग, ज्वार और मूंगफली तथा सब्जियों के लिए फायदेमंद हो लेकिन आगामी खरीफ सीजन के लिए यह कहीं से भी ठीक नहीं है। इससे फसल की तैयारी प्रभावित होगी। खेत फसलों के लिए तैयार नहीं हो पाएंगे। मानसून की अनिश्चितता भी बनेंगी।
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मौसम में उलटफेर, समझ नहीं पा रहे लोग
इस साल में कभी गर्मी, कभी बारिश और ठंड को लोग समझ नहीं पा रहे हैं। कभी तापमान 41 डिग्री पहुंच जाता है तो आसमान में बादल और बारिश से 35 डिग्री के नीचे आ जाता है। रात्रि में कंपकंपी भी महसूस हो रही है। डॉक्टर कह रहे हैं कि मौसम से उलटफेर से सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे संक्रामक बीमारियों के मरीज भी देखने को मिल रहे हैं।
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अवकाश होने से मंडी में अनाज सुरक्षित
शनिवार और रविवार अवकाश होने से सोमवार सुबह हुई बारिश से कृषि उपज मण्डी में इसका असर नजर नहीं आया। मण्डी शेड में केवल व्यापारियों का अनाज था। बाहर कहीं से भी किसानों का अनाज नहीं था। अनाज व्यापारी संघ अध्यक्ष प्रतीक शुक्ला का कहना पड़ा कि दोपहर में बारिश होती तो नुकसान संभव था। बीते दो दिनों के अवकाश ने पूरे अनाज को सुरक्षित कर लिया।
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इनका कहना है...
खेती-किसानी में नौतपा का महत्व है। इससे खेतों में अवशेष और कीट नष्ट होते हैं। असमय बारिश को उचित नहीं ठहराया जा सकता। इससे खरीफ सीजन की तैयारियां प्रभावित होगी।
-जितेन्द्र कुमार सिंह, उपसंचालक कृषि।
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