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34 करोड़ के प्रोजेक्ट पर भारी पड़ रहा चार करोड़ का निर्माण

नहीं बढ़ पाई सारोठ जलाशय की ऊंचाई, कैसे बुझाएंगे 30 गांवों की प्यास

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Height of Saroth reservoir not increased

Height of Saroth reservoir not increased

छिंदवाड़ा . मप्र जल निगम ने मोहखेड़, उमरानाला, सांवरी तथा आसपास के करीब 30 गांवों में पेयजल व्यवस्था बनाने 43.49 करोड़ की लागत से रूरल गु्रप वॉटर सप्लाई योजना शुरू की। इस योजना में मोहखेड़ के सारोठ जलाशय से पानी लिफ्ट कराकर पानी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाना है। फिर पानी टंकियों के माध्यम से पाइप लाइन से गांवों में पहुंचना है। इस योजना में पेयजल आपूर्ति बनाने पीएचई विभाग को सारोठ जलाशय की ऊंचाई दो फीट बढ़ानी है, लेकिन वर्तमान तक इसकी अनुमति शासन से नहीं मिल पाई है। जबकि जल निगम ने अपना प्रोजेक्ट पूरा कर लिया है। प्रोजेक्ट की टेस्टिंग भी की जा रही है। विभाग हाइट बढ़ाने में तकरीबन चार करोड़ रुपए खर्च करेगा।

अब तक सिर्फ सिंचाई में उपयोग
जल संसाधन विभाग का सारोठ जलाशय की क्षमता 5.55 एमसीएम पानी है जिसका शत प्रतिशत उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। दो फीट हाइट बढ़ाकर 1.35 एमसीएम अतिरिक्त पानी का उपयोग गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाना है। प्रोजेक्ट कम्पलीट करने वाली कम्पनी ने सारोठ जलाशय में पानी लिफ्ट कराने तथा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कर लिया है जिससे टेस्टिंग की जा रही है। इसके लिए जल निगम ने जलाशय में एक सिंचाई का पानी जलसंसाधन विभाग से रुकवा लिया है।

बनाया गए ट्रीटमेंट प्लांट और टंकियां
रूरल गु्रप वॉटर सप्लाई योजना के तहत जल निगम ने ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही आसपास के गांवों में तीस पानी टंकियां और तीस गांवों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहे हैं कि जब जलाशय की ऊंचाई ही नहीं बढ़ाई गई तो इन तीस गांवों में पेयजल आपूर्ति आगे कैसे बनाई जाएगी। यदि वर्तमान स्थिति में जलाशय का पानी इन गांवों में पेयजल के लिए उपयोग होगा तो आसपास के गांवों की सिंचाई व्यवस्था प्रभावित होगी।


सारोठ जलाशय की ऊंचाई दो फीट बढ़ाने की प्रशासनिक स्वीकृति अभी नहीं मिल पाई है। दो फीट ऊंचाई बढऩे से डैम में 1.35 एमसीएम पानी बढ़ जाएगा जो पेयजल आपूर्ति में उपयोग किया जाएगा। अभी सारोठ जलाशय के 5.55 एमसीएम पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। जल निगम के कहने पर इस बार सिंचाई का एक पानी रोक दिया गया है।
एसके ठाकुर, सब इंजीनियर, सारोठ जलाशय, जलसंसाधन विभाग