मंडी में व्यवस्थाओं को लेकर सचिव से पत्रिका की बातचीत
छिंदवाड़ा। कृषि उपज मंडी कुसमेली जिलेभर में ही नहीं, बल्कि आस पास के जिलों में भी नम्बर वन है। मंडी में खुली नीलामी से लेकर नकद भुगतान की प्रक्रिया के प्रचलन के कारण किसान इस मंडी में बहुतायत में पहुंचते हैं, हालांकि आवक बढऩे पर अक्सर व्यवस्थाएं फेल भी हो जाती हैं। इसे लेकर प्रबंधन पर उंगली उठती है और व्यापारियों को भी कठघरे में खड़ा किया जाता है, लेकिन कहीं न कहीं प्रबंधन को किसान हित में ही खुद कई बार नियमों के सख्ती से पालन करने की जगह नरम रुख अपनाना पड़ता है। यह कहना है कृषि उपज मंडी कुसमेली के सचिव सुरेश कुमार परते का। उन्होंने पत्रिका से मंडी में व्यवस्थाओं के सम्बंध में चर्चा की।
सवाल: क्या शेड में व्यापारियों की ही उपज रहती है?
जवाब: शेड में सिर्फ व्यापारियों की उपज नहीं होती है, किसान की भी उपज होती है। हर दिन 50 हजार क्विंटल से अधिक आवक आ रही है। मंडी के हर स्थान का उपयोग किया जा रहा है। मंडी में एक बार नीलामी के बाद तौल होने तक उपज को वहीं रखा जाता है।
सवाल: यह सही है कि किसान खुले में ढेर करना पसंद करते हैं?
जवाब: शेड की तुलना में किसान खुले में ढेर करना अधिक पसंद करते हैं। सोयाबीन एवं मक्का दोनों ही ङ्क्षजस पीले होते हैं। खुले में ढेर करने पर सूर्य की रोशनी के कारण चमक अधिक दिखाई देती है। इसी वजह से वे अच्छे भावों के लिए खुले परिसर को प्राथमिकता देते हैं।
सवाल: उठाव के लिए व्यापारियों पर सख्ती क्यों नहीं होती?
जवाब: शेडों की समय-समय पर निगरानी होती है। अधिक समय से रखी हुई बोरियों को देखकर सम्बंधित व्यापारी को नोटिस जारी किया जाता है, जिससे व्यापारी उठाव कर लेते हैं। अधिक सख्ती से व्यापारी हतोत्साहित होते हैं, इसलिए संतुलन बनाकर कार्य लेना पड़ता है।
सवाल: कभी जुर्माना की कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
जवाब: व्यापारी पर जुर्माना या उन्हें खरीदी से रोकने पर किसान का नुकसान अधिक हो सकता है। नीलामी में प्रतिस्पर्धा कम होने से उपज की दरों में कमी भी आ सकती है। किसानों को अधिक से अधिक रेट मिले, इसलिए नियमों पर शिथिलता बरती जाती है।
सवाल: कहा जाता है कि मंडी प्रबंधन व्यापारियों के अनुसार चलता है?
जवाब: ऐसा नहीं है कि प्रबंधन व्यापारियों के अनुसार चलता है। किसान, व्यापारी और हम्माल तीनों ही अनाज व्यापार में एक दूसरे के पूरक हैं। किसी एक की भी अनदेखी नहीं की जा सकती है। किसान हित के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा एवं प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक से अधिक व्यापारियों का होना आवश्यक है।
सवाल: आवक को नियंत्रित करने के लिए प्रबंध किए गए हैं क्या?
जवाब: रात 10 से सुबह 10 बजे तक किसान की आवक को प्रवेश दिया जा रहा है, ताकि सुबह नीलामी का काम समय पर शुरू हो सके। ट्रकों को भी बाहर भेजा जा सके, इसके लिए गार्ड एवं मंडी कर्मचारी भी तैनात हैं।