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छिंदवाड़ा में डेढ़ घंटे डिजीटल अरेस्ट रहे बुजुर्ग दंपती, पड़ोसी ने पुलिस को बुलाया तब बच पाए साइबर फ्रॉड से

शहर के विवेकानंद कॉलोनी का मामला, दिल्ली पुलिस के नाम से आया था फोन, आधार कार्ड से फ्रॉड करने की दे रहे थे धमकी

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छिंदवाड़ा. कोतवाली थाना अंतर्गत शहर की विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्ग दंपती गुरुवार को 1.05 घंटे डिजीटल अरेस्ट रहे। बाराखंबा रोड पुलिस स्टेशन दिल्ली के नाम से गुरुवार की सुबह 11.30 बजे किशोर भास्करयन टोक निवासी प्लाट नंबर 90 विवेकानंद को फोन आया था। सामने वाले व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया तथा दंपती को कहा कि वह पुलिस अधिकारी है तथा डिजीटल अरेस्ट हो गए है तथा उनके आधार कार्ड नंबर से फ्रॉड हुआ है। फर्जी कॉल करने वाले व्यक्ति ने दंपती से एक घंटा पांच मिनिट बात की है। इस बात की जानकारी जब पड़ोस में रहने वाले दुर्गेश नरोटे को लगी तो तत्काल कोतवाली टीआई आशीष धुर्वे को फोन पर सूचना दी थी। कुछ ही मिनिटों में टीआई अपने दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए तथा दंपती से बात करने के बाद जब फ्रॉड कॉल करने वाले से बात की तो टीआई की वर्दी देख सामने वाले ने फोन काट दिया। दंपती के पास झारखंड व बेस्ट बंगाल के दो नंबरों से डिजीटल अरेस्ट का फोन आया था।

टीआई पहुंचे तब भी नहीं खोल रहे थे दरवाजा


एक घंटा पांच मिनिट में साइबर ठग बुजुर्ग दंपती से परिवार के लोगों की जानकारी तथा सदस्यों की जानकारी मांग रहे थे। जब पुलिस पहुंची तब तक बुजर्ग दंपती बहुत सारी जानकारी दे चुके थे तथा बैंक खाता व अन्य जानकारी देने वाले थे। टीआई जब बुजुर्ग दंपती के घर पहुंचे तथा दंपती से दरवाजा खोलने के लिए कहा तो दंपती ने पहचान नहीं होने पर दरवाजा खोलने से साफ मना कर दिया। टीआई ने कहा कि हम असली पुलिस है तब उन्होंने बताया कि हम डिजीटल अरेस्ट में है तथा असली पुलिस से वीडियो कॉल में बात हो रही है। विश्वास में लेकर टीआई ने दरवाजा खुलवाया तथा दंपती से फोन लिया था। फर्जी कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपनी वीडियो म्यूट करके रखा था तथा वह सामने सब कुछ देख रहा था। टीआई से पूछा कि कौन बोल रहा है यह कहते ही साइबर ठग ने फोन को डिस्कनेक्ट कर दिया।

इनका कहना है।


सूचना पर मैं खुद मौके पर पहुंचा था इस दौरान दंपती काफी डरे हुए थे, उन्हें विश्वास में लेकर दरवाजा खुलवाया था। फोन लेने पर फ्रॉड कॉल करने वाले ने फोन काट दिया। दंपती एक घंटा पांच मिनिट वीडियो कॉल पर अपनी सभी जानकारी दे रहे थे। समय रहते हुए एक बड़ी साइबर ठगी से बुजुर्ग दंपती बच गए। दंपती ने पुलिस को लिखित आवेदन देकर शिकायत की है।


आशीष धुर्वे, टीआई, कोतवाली, छिंदवाड़ा।