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कुकड़ीखापा वॉटरफॉल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

सेल्फी पॉइंट, पैदल पुल और सुरक्षित स्नान की व्यवस्था से बढ़ेगा पर्यटन

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बारिश के मौसम में छिंदवाड़ा जिले का प्रसिद्ध कुकड़ीखापा वॉटरफॉल अपनी प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थल जुलाई से अक्टूबर तक भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ से गुलजार रहता है। सिल्लेवानी पर्वत श्रृंखला में स्थित यह वॉटरफॉल लगभग 60 फीट की ऊंचाई से गिरता है और इसकी गूंज तथा दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए अच्छी सडक़ और पार्किंग व्यवस्था पहले से ही मौजूद है, लेकिन अभी भी कुछ महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

कुकड़ीखापा में किशोरों और युवाओं की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए यहां सेल्फी पॉइंट की आवश्यकता महसूस की जा रही है। वॉटरफॉल के सामने एक मजबूत लोहे का प्लेटफॉर्म बनाकर उस पर रेलिंग लगाई जानी चाहिए, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, वहां एक सेल्फी फ्रेम या आर्च भी लगाया जा सकता है, जिससे दृश्य और भी आकर्षक बन सके।

कुकड़ीखापा में दो वॉटरफॉल बनते हैं। पहले वॉटरफॉल में पर्यटक अक्सर नहाने के लिए उतरते हैं, लेकिन वहां एक गहरा गड्ढा है, जो दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इस गड्ढे को सुरक्षित तरीके से बंद किया जा सकता है। साथ ही, एक सेफ बाथ जोन का निर्माण कर, वहां नहाने की व्यवस्था की जा सकती है। बच्चों के लिए छोटी गहराई वाला जल क्षेत्र (शॉलो वॉटर) भी निर्धारित किया जा सकता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो।

कई पर्यटक वॉटरफॉल के नीचे ट्रेकिंग करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें नदी पार करनी पड़ती है। वर्तमान में नदी पर कोई पुल नहीं है, जिससे पर्यटकों को कठिनाई होती है। सीमित खर्च में नदी पर पैदल पुल का निर्माण किया जा सकता है, जिससे ट्रेकिंग अधिक सुरक्षित और सुगम हो सके। वर्तमान में पार्किंग शुल्क वसूली की व्यवस्था पहले से है।

यहां की ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक भोजन जैसे महुआ लड्डू, कोदो-कुटकी और देशी रोटी के स्टॉल लगाकर पर्यटकों को स्थानीय स्वाद से परिचित करा सकती हैं। इससे एक ओर पर्यटकों को व्यवस्थित सेवाएं मिलेंगी, तो दूसरी ओर ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और ग्राम पंचायत को नियमित राजस्व प्राप्त हो सकेगा।