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Mahadev Mela: ऐसा शिवधाम जहांं भक्त को श्रद्धा और विश्वास का देना पड़ता है इम्तिहान

- चौरागढ़ की पहाडिय़ों में होगी हर-हर महादेव की गूंज - महाशिवरात्रि करीब आते ही सतपुड़ा अंचल की सबसे बड़ी यात्रा में भागीदार बनेंगे शिव भक्त - 16 से 26 फरवरी तक उमड़ेगा जनसैलाब

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chouragarh

महाशिवरात्रि के करीब आते ही सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी की पहाड़ी चौरागढ़ में विराजे भगवान महादेव के दर्शन करने लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ेगा। दिन-रात पहाडिय़ों पर हर बोला हर महादेव का जयघोष गुंजायमान होगा। यह स्थल एक ऐसा धाम है, जहां पहले भक्त को श्रद्धा और विश्वास का इम्तिहान देना होता है, फिर पार्वती पति के दर्शन होते हैं।
नर्मदापुरम जिले की सीमा में स्थित इस धाम के मेले में छिंदवाड़ा के साथ महाराष्ट्र के यात्रियों की विशेष भागीदारी है।
जुन्नारदेव के पास भूरा भगत से पचमढ़ी की दुर्गम पहाड़ी रास्ता हो या फिर तामिया, देलाखारी, मटकुली होते हुए सीधे पचमढ़ी का मार्ग शिव भक्तों को सीधे चौरागढ़ पहुंचा देता है। इस दस दिवसीय मेला इस वर्ष 16 फरवरी से महाशिवरात्रि तक लगेगा।
सतपुड़ा अंचल की इस यात्रा में भक्त भूराभगत, पहाडिय़ों भगवान शिव के भ्रमण करने के पदचिह्नों के दर्शन के इच्छुक होते हैं। इसके साथ जगह-जगह बिखरे प्राकृतिक सौंदर्य तथा आध्यात्मिक अनुभूति को महसूस करते हैं। इस धरती पर आकर पहाड़ी, खाई, फूल, पत्ते, झाडिय़ों और हवा में बिखरे शिवत्व को श्रद्धा और भक्ति की नजर से देखा जा सकता है। भोलेनाथ के दर्शन की पैदल यात्रा कठिन जरूर है पर भक्त का विश्वास जीत जाता है।

भूरा भगत से 20 किमी की सबसे दुर्गम यात्रा

छिंदवाड़ा से महादेव यात्रा के दो रास्ते हैं। जुन्नारदेव सांगाखेड़ा के भूराभगत मंदिर से चौरागढ़ महादेव की यात्रा शुरू की जाए तो करीब 20 किमी तक चौरागढ़ महादेव तक पैदल चलना पड़ता है। इसमें सात से आठ घंटे का औसत समय है। जबकि पचमढ़ी के मठ से पैदल यात्रा करीब दस किमी है, यह तीन घंटे औसत समय में चौरागढ़ मंदिर पहुंचा देती है। भक्त कहते हैं कि यात्रा ऐसी है, भक्त से भाव से आसान हो जाती है। भगवान शिव के प्रति प्रेम, आस्था और दृढ़ विश्वास कठिन दुष्कर पहाडिय़ों पर भी विजय दिला देती है।

पहाडिय़ों में भजन गाते भक्तों की टोली

इस पहाड़ी पर बाबा का प्रेम उमड़ता है। महिलाएं, युवा, बुजुर्ग नाचते गाते, भजन पर झूमते हर कदम पर नजर आते हैं। छिंदवाड़ा, होशंगाबाद समेत मप्र से भक्त कम होंगे पर महाराष्ट्र के लोगों की आस्था अधिक है। वे पूरी संख्या पर भारी पड़़ते हैं। जगह-जगह पानी, खान-पान, जड़ी-बूटियों के दुकानदार की मीठी बोली..चलो भगत, कुछ दूरी पर मंदिर है..एक नई स्फूर्ति और आस तन-मन में दौड़ा देती है।

छिंदवाड़ा प्रशासन ने भूराभगत तक की तैयारी

छिंदवाड़ा जिला प्रशासन इस समय महादेव मेले की तैयारियोंं में जुटा हुआ है। जुन्नारदेव के सांगाखेड़ा से भूराभगत तक बस यात्रा के लिए आरटीओ ने यात्री किराया तय कर दिया है। इसके साथ ही छिंदवाड़ा से पचमढ़ी तक यात्रा मार्ग में भी व्यवसायियों की दुकानें, टैक्सी, बस के साथ ही पेयजल व शौचालय की व्यवस्थाएं की जा रही है। पिछले दिनों कलेक्टर ने इसका निरीक्षण भी किया था। इसके अलावा नर्मदापुरम प्रशासन भी इसकी तैयारियों में जुटा दिखाई दे रहा है।