
Natural disaster: More than one lakh people affected by floods
छिंदवाड़ा/ बीती 27 अगस्त को भारी बारिश के साथ नदी-नालों में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकान और पशुधन के नुकसान का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। मक्का और सोयाबीन समेत अन्य फसलों की क्षति के लिए पटवारी और कृषि अधिकारी मैदान में जुटे हैं। जल्द ही यह रिपोर्ट भी प्रशासन को पेश होगी।
प्रशासन के अनुसार दस इंच पानी एक दिन में बरसने से सबसे ज्यादा नुकसान चौरई क्षेत्र को उठाना पड़ा। पेंच नदी में आई बाढ़ से चौरई क्षेत्र के 742 मकान पूर्णत: धराशायी हो गए और एक हजार से ज्यादा पशु पानी में बह गए। इससे करीब पांच हजार लोग बेघर हो गए । इसके अलावा पुल-पुलिया समेत अन्य संपत्तियों को अलग नुकसान पहुंचा। इसके अलावा परासिया, जुन्नारदेव, सौंसर, पांढुर्ना, छिंदवाड़ा, अमरवाड़ा, मोहखेड़ समेत अन्य क्षेत्र में फसल, मकान भी गिर गए। इस प्राकृतिक आपदा के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत के कर्मचारियों को सर्वेक्षण में लगाया गया था। इन कर्मचारियों ने मकान, पशुधन और जनहानि की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को दे दी है। इनमें जनहानि में वारिसों को भुगतान कर दिया गया है। क्षतिग्रस्त मकानों को तीन माह में बनाने की तैयारी की गई है। इधर,फसलों के नुकसान की रिपोर्ट आना शेष है। सूत्रों का कहना है कि करीब एक लाख से ज्यादा किसानों की 75 हजार हैक्टेयर क्षेत्र की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसका आकलन करीब 98 करोड़ रुपए का बना है। जिसे राज्य शासन के पास पहुंचाया गया है।
जल्द जारी होंगे अधिकारिक आंकड़े
&बाढग़्रस्त इलाकों में मकान और पशुधन की क्षति का आकलन कर लिया गया है। फसलों को हुई नुकसानी का सर्वेक्षण रह गया है। जल्द ही इसके अधिकारिक आंकड़े जारी किए जाएंगे।
-सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर
Published on:
13 Sept 2020 05:23 pm
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