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अब पेंच टाइगर रिजर्व में सफारी व पेट्रोलिंग होगी और आसान

छेडिय़ाघाट पर 200 मीटर लम्बा पुल बनने से पर्यटकों को मिलेगा लाभ

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मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में सबसे अहम पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी और छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर है। यहां सबसे अधिक टाइगर कोर एरिया में हैं। यहां तक पहुंचने के लिए छिंदवाड़ा जिले की ओर से आने वाले पर्यटकों को पेंच नदी के कारण जमतरा गेट या सिवनी की ओर से जाना पड़ता था। लेकिन जल्द ही पेंच नदी पर दोनों इलाकों को जोडऩे के लिए छेडिय़ाघाट पर 200 मीटर लम्बा पुल बनने से यहां की सफारी करना आसान हो जाएगा।

पेंच टाइगर रिजर्व के एसडीओ जमतरा ने बताया कि पेंच नेशनल पार्क के भीतर सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों का कोर एरिया पेंच नदी से अलग है। नदी पर पुल नहीं होने की वजह से जमतरा गेट से आने वाले पर्यटकों को कोर जोन तक जाने में दिक्कत होती थी। फिलहाल गर्मियों में पेड़ों के ठूंठों से बने अस्थायी पुल के सहारे नदी पार कराई जाती थी या बाहर का लंबा रास्ता अपनाना पड़ता था। इसके लिए पेंच प्रबंधन ने पत्र लिखा जिसके बाद नदी पर छेडिय़ाघाट के पास करीब 200 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा पक्का पुल बनाया जाना है। पेंच नेशनल पार्क प्रबंधन ने पुल निर्माण के लिए सशर्त एनओसी जारी कर दी है। अब छिंदवाड़ा जिला प्रशासन से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा। पुल का निर्माण खनिज मद से होगा और इसकी अनुमानित लागत चार करोड़ रुपए बताई जा रही है।

पेंच नदी पर ब्रिज के बनते ही जमतरा गेट से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। अभी पेंच नेशनल पार्क का पर्यटन मुख्य रूप से सिवनी जिले के कोर एरिया तक सीमित है। पुल बनने से सिवनी और छिंदवाड़ा दोनों जिलों का कोर एरिया आपस में जुड़ जाएगा। इससे न सिर्फ पर्यटकों को वन्यजीवों को देख पाना आसान होगा, बल्कि पेंच टाइगर रिजर्व की सफरी और पेट्रोलिंग भी आसान होगी। पुल निर्माण के लिए एनओसी जारी कर दी गई है। अब एजेंसी को जल्द निर्माण कार्य शुरू करना है।