
सिर्फ एक हजार 232 किसानों ने कराया पंजीयन
छिंदवाड़ा. पांढुर्ना. समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों को बोनस नहीं देने का असर हाल ही में ऑनलाइन पंजीयन पर दिखाई दे रहा है।
अच्छी बारिश के फलस्वरूप और क्षेत्रफल में बोये गए गेहूं की इस साल अच्छी पैदावार हुई है लेकिन सरकारी दाम कम होने से किसानों ने बिल्कुल पंजीयन में रूचि नहीं दिखाई है। कई किसानों ने उनकी फसल ऑनलाइन नहीं दर्ज किए जाने से पंजीयन नहीं हो पाने की शिकायत की है।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष केवल 1 हजार 232 किसानों ने ही पंजीयन कराया हैं। जबकि पिछले वर्ष छोड़ दिया जाएं तो हर साल यह आंकड़ा हजारों में होता था। पिछले साल गेहूं का समर्थन मूल्य 1 हजार 735 जिस पर 165 रुपए बोनस कुल 1900 रुपए था। इस वर्ष बिना बोनस के समर्थन मुल्य 1925 रुपए रखा गया है। गेहूं को बाजार भाव इससे ज्यादा दो हजार रुपए से 2100 रुपए तक मिल रहा हैं। अभी खेतों में गेहूं पक रहा है। इसके बाद अगले माह से बाजार में गेहूं का आवक बढ़ जाएगी जिसके बाद दाम और बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
नागरिक आपूर्ति एवं खाद्य विभाग के अनुसार पंजीयन के लिए सात सेंटर शुरू किए गए थे। इनमें नंादनवाड़ी में 304, सिवनी में 141, तिगांव में 144, खैरीपेका में 156, मांगुरली में 193, मार्केटिंग लोक सेवा में 116 और वृहताकार सहकारी सोसायटी पांढुर्ना में 176 किसानों ने ही पंजीयन कराये है।
राजस्व विभाग की लापरवाही से नहीं चढ़ी फसलें
कई किसानों ने आरोप लगाया है कि राजस्व विभाग ने गिरदावली की जानकारी सारा एप में नहीं चढ़ाई जिससे वे पंजीयन नहीं कर सकें है। उनकी फसलें ऑनलाइन नहीं दर्ज होने से ऑनलाइन पंजीयन के लिए वे पूरी जानकारी नहीं मिल पायी। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम मांगुरली में ही 44 किसानों की फसल जानकारी रकबे में दर्ज नहीं हुई । इसी तरह सिराठा, भंदारगोंदी, पांढुर्ना, तिगांव और कई स्थानों के किसानों की फसलें दर्ज नहीं
हो सकी है।
Published on:
08 Mar 2020 11:39 pm
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