आदेश के पालन में छिंदवाड़ा जिला विधिक प्राधिकरण ने समिति गठन की कार्रवाई शुरू कर दी थी, लेकिन एक गैर सरकारी संगठन की नवीन याचिका के आधार पर, जिसमें कि समिति के दोनों सदस्य महिला होनी चाहिए की मांग से अलग सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की त्रि-सदस्यीय बेंच ने पूरे आदेश का ही पुनरीक्षण करने का फैसला लिया है।
इसके बाद मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला विधिक प्राधिकरण छिंदवाड़ा के साथ ही पूरे मप्र में परिवार कल्याण समिति के गठन एवं उसकी अग्रिम कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है।
यह है परिवार कल्याण कमेटी
परिवार कल्याण कमेटी को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि जिले के किसी भी थाना में दहेज प्रताडऩा का प्रकरण पंजीबद्ध होता है तो प्रकरण की एक कॉपी परिवार कल्याण कमेटी को भेजी जाती। कमेटी के सदस्य प्रकरण की जांच करने के बाद रिपोर्ट सम्बंधित थाने को भेजते। दहेज प्रताडऩा के झूठे प्रकरणों को रोकने के लिए कमेटी बनाई जा रही थी। एक गैर सरकारी संगठन ने कमेटी में दोनों सदस्य महिला होने की मांग को लेकर याचिका दायर की है जिसके चलते अग्रिम कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया है।
मोहखेड़ ब्लॉक के दो शिक्षक सस्पेंड
छिंदवाड़ा . मोहखेड़ विकासखंड अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला धगडियामाल रैयत तथा शासकीय प्राथमिक शाला मेहलारी बाकुल में कार्यरत दो सहायक शिक्षकों की शिकायत तथा लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी आरएस बघेल ने निलम्बित कर दिया है।
डीईओ बघेल ने बताया कि सहायक अध्यापक सीताराम सरेयाम द्वारा शैक्षणिक कार्य में लापरवाही, नियमित शाला नहीं आने, दर्ज संख्या कम होने तथा शैक्षणिक गुणवत्ता निम्न होने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की गई थी। इसकी जांच कर रिपोर्ट के आधार पर उक्त कार्रवाई की गई है। निलम्बन अवधि में सहायक अध्यापक सरेयाम विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय अमरवाड़ा रहेगा। वहीं दूसरे मामले में सावरीबाजार संकुल के
मेहलारी बाकुल स्कूल के सहायक शिक्षक श्रीपाल सिंह धुर्वे १९ जून से २७ सितम्बर २०१७ तक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। इस तरह की शिकायतें पूर्व में मिली थी।इस लापरवाही के चलते शिक्षक धुर्वे को निलम्बित कर बीईओ कार्यालय चौरई में अटैच किया गया है। नियमानुसार दोनों को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।