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Panic button: पैनिक बटन लगाने जिला मुख्यालय के बड़े स्कूलों की बसों को प्राथमिकता

जिला मुख्यालय स्थित सभी बड़े स्कूलों के बाद ब्लॉक मुख्यालय के स्कूलों में संचालित बसों पर पैनिक बटन लगाया जाएगा।

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Panic button: पैनिक बटन लगाने जिला मुख्यालय के बड़े स्कूलों की बसों को प्राथमिकता

पैनिक बटन लगाने जिला मुख्यालय के बड़े स्कूलों की बसों को प्राथमिकता

छिंदवाड़ा. जिला मुख्यालय स्थित सभी बड़े स्कूलों के बाद ब्लॉक मुख्यालय के स्कूलों में संचालित बसों पर पैनिक बटन लगाया जाएगा। सीमित कर्मचारी होने के कारण एक साथ या फिर सीमित समय में काम पूरा करना संभव नहीं होगा। इसके चलते अवकाश के दिन टीम स्कूल पहुंचकर कार्य करेगी।

भोपाल के एक निजी स्कूल बस में छात्रा के साथ हुए बलात्कार के बाद पूरे प्रदेश में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। इसी के चलते आनन फानन में पैनिक बटन लगाने पर जोर दिया गया है। जिले में 15 सितम्बर से शुरुआत यात्री बस से हुई है। किन्तु भोपाल मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों के बाद अब पहली प्राथमिकता में स्कूल बसों को रखा गया है। शुक्रवार को एक स्कूल बस में लगाया भी जा चुका है। यानी सबसे पहले इन्हीं में सिस्टम को लगाया जाएगा। एक साथ सभी वाहनों को परिवहन कार्यालय बुलाना संभव नहीं होगा इसलिए टीम वहां पहुंचेगी। प्रबंधन को पूर्व में ही सूचित कर दिया जाएगा कि अधिकृत टीम उनके यहां कब पहुंचने वाली है। स्कूल दिवस में यात्री बसों में लगाए जाएंगे। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया और सभी स्कूल एवं यात्री बसों में सिस्टम को लगाने में काफी वक्त लगेगा। सभी वाहनों में पैनिक बटन लग चुका है इसका निर्धारिण फिटनेस के समय होगा। जिन वाहनों में यह सिस्टम नहीं होगा उन्हें फिटनेस का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा और ऐसी स्थिति में वे सड़क पर वाहन संचालित करने के लिए अधिकृत नहीं होंगे।

यहां सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं
ऑटो और अन्य छोटे वाहनों से भी छात्राएं स्कूल जाती और आती है। ठीक ऐसा ही यात्रियों का भी मामला है। इनकी सुरक्षा को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि छोटे वाहनों की संख्या भी अत्याधिक है जिनका उपयोग दोनों ही स्थानों पर खूब किया जाता है। कई परिवार ऐसे हैं जिनके बच्चे छोटे वाहनों से ही स्कूल जाते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

बस स्टैण्ड पर भी पहुंच सकती है टीम
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी निशा चौहान का कहना है कि भोपाल में हुई घटना के चलते सबसे पहले स्कूल वाहनों में लोकेशन ट्रैकिंग पैनिक बटन सिस्टम को लगाया जाएगा। इसके बाद यात्री बसों में इंस्टल किए जाएंगे। आवश्यकता पडऩे पर टीम बस स्टैण्ड पर पहुंचकर भी काम करेगी। उनका कहना है कि सीमित कर्मचारी है इसलिए एक साथ एक समय में सभी वाहनों में लगाना सम्भव नहीं होगा।