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शिक्षा का अधिकार: प्रवेश के लिए आवेदन सात से, कई स्कूल दायरे से बाहर

छिंदवाड़ा विकासखंड के 21 निजी स्कूल सहित 58 ने नहीं की मान्यता की प्रक्रिया पूरी

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निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निशुल्क प्रवेश की प्रक्रिया पांच मई से शुरू हो रही है प्रवेश के लिए आवेदन भी सात मई से हो सकेगा। इस साल आरटीई के तहत प्रवेश के लिए अभिभावकों को चयन के लिए जिले में 58 स्कूल कम मिलेंगे। इन स्कूलों की मान्यता 31 मार्च 2025 को समाप्त हो चुकी है, जिसके लिए इन्होंने नवीनीकरण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की।


स्कूल शिक्षा विभाग अब इन स्कूलों को बंद मान रहा है। उल्लेखनीय है कि आरटीई के अंतर्गत वंचित समूह एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों को निजी स्कूलों में पढ़ाने का अवसर मिलता है। इसके लिए वे आवेदन के माध्यम से अपने आवास के आसपास के निजी स्कूलों का प्राथमिकता के आधार पर चयन करते हैं। अब उनके लिए विद्यालयों की कुछ कमी होगी। छिंदवाड़ा विकासखंड में ही ऐसे 21 निजी स्कूल कम हो चुके हैं। इससे अब उस क्षेत्र के रहवासियों के लिए विकल्प कम हो गए।

छिंदवाड़ा में 58, पांढुर्ना में 13 निजी स्कूलों में ताला

आरटीई पोर्टल के अुनसार छिंदवाड़ा में 21, परासिया में 11, चौरई, मोहखेड़ में 7-7, जुन्नारदेव में 5, हरई में 2, तामिया एवं अमरवाड़ा में 1-1 स्कूल इस सत्र से बंद हो चुके हैं। वहीं पांढुर्ना जिले के विकासखंड पांढुर्ना अंतर्गत सात और सौंसर विकासखंड अंतर्गत छह निजी स्कूलों में ताला लग चुका है।


इसके साथ ही नवीनीकरण एवं नवीन मान्यता आवेदन वाले कुल 446 स्कूलों में 10 की मान्यता डीपीसी स्तर पर अस्वीकृत की जा चुकी है, जबकि दो स्कूलों की मान्यता अभी भी लंबित है। हालांकि जिले में 44 नए स्कूलों के लिए भी मान्यता के लिए आवेदन किए गए हैं, जिनमें 25 से अधिक निजी स्कूलों की मान्यता स्वीकृत भी किए गए हैं। इससे आरटीई के तहत आवेदन करने के लिए अभिभावकों को कुछ राहत रहेगी।

नहीं है बंद स्कूलों के बच्चों की जानकारी

बंद हो चुके स्कूलों में से कुछ में पहले से आरटीई के तहत बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें से कई बच्चों को अब मजबूरी में ही दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना पड़ेगा। ऐसे बच्चों की जानकारी अब तक जिला शिक्षा केंद्र के कार्यालय में नहीं पहुंची है। जब एपीसी भानु गुमाश्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब सभी बीआरसी को सूचना देकर बंद हो चुके स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों की सूची मंगाई जाएगी।

बंद स्कूलों की जानकारी मंगाने की तैयारी

छिंदवाड़ा बीआरसी अजय केकतपुरे ने बताया कि स्कूल में विद्यार्थियों की औसत संख्या के 25 प्रतिशत के अनुसार ही आरटीई पोर्टल पर सीट प्रदर्शित होती है। कई स्कूलों ने साल 2021-22 में पंजीयन किया पर प्रवेश नहीं लिया। इससे कई स्कूल पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हुए और कुछ हुए तो वहां 2-4 ही बच्चे आरटीई के तहत प्रवेश लिए। इस साल मान्यता नहीं तो वे स्वयं ही पोर्टल में प्रदर्शित नहीं होंगे। अब मान्यता नहीं लेने वाले स्कूलों से बंद करने का आवेदन लेकर उसे डाइस में भी बंद करेंगे। उस दौरान स्कूलों में दर्ज बच्चों की संख्या की जानकारी भी लेंगे।