15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Sewerage project: अब नहीं मिलेगा एक्सट्रा टाइम, तय सीमा में पूरी करनी होगी परियोजना

- ट्रायल रन के लिए महज तीन दिन शेष - चार माह में पूरी करनी होगी योजना - ट्रीटमेंट प्लांट के उपकरणों की परख हुई पूरी

2 min read
Google source verification
Sewerage project

शहर के 18 हजार से अधिक घरों के शौचालय, स्नानघर एवं रसोई के आउटलेट कनेक्शनों के साथ विगत 22 नवंबर को सीवरेज प्लांट एवं कोलाढाना पंपिंग स्टेशन का ट्रायल अब पूर्णता की ओर है। एक माह पूरे में होने में मात्र तीन दिन ही शेष रह गए हैं। इसके साथ ही सीवरेज कंपनी को अब सीवर लाइन डालने के लिए अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा। नियमानुसार कंपनी को ट्रायल रन के चार माह के अंदर ही सीवरेज से जुड़े काम पूरे करने होंगे। हालांकि कंपनी ही आने वाले दस साल सीवरेज का मेंटेनेंस करेगी, इसलिए घरों के कनेक्शन उसके बाद भी चलते रहेंगे। फिलहाल कंपनी के पास शहर में 21 किमी सीवर लाइन डालने की बड़ी चुनौती है, जिसमें अब कम समय में पूरा करना होगा।

सफल हुआ ट्रॉयल रन, बेसिन में भर रहा पानी

सीवरेज कंपनी के कार्यों का सुपरविजन कर रहे इंजीनियर राहुल ताम्रकार ने बताया कि ट्रायल रन में किसी प्रकार की समस्या नहीं आई। 28 एमएलडी के 4 बेसिन हैं, जिन्हें आने वाले 15 साल के लिए डिजाइन किया गया है। फिलहाल इन बेसिन में 10-12 एमएलडी पानी करीब 4 से 5 दिन में भर रहा है। बीच-बीच में इस पानी को ट्रीट करके सर्रा के खेतों से सटे नाले में छोड़ा जा रहा है, जहां से किसान अपने मोटर लगाकर पानी लेकर खेतों में सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीन-चार माह ठोस अपशिष्ट निकलने की संभावना भी नही है। बाग बगीचा सींचने एवं फायर फाइटिंग में भी पानी भरने की योजना साथ ही साथ तैयार हो रही है। प्लांट ऑटोमिशन में चल रहा है। कंप्यूटर से आपरेट है। पंपिंग स्टेशन में भी एकत्र पानी कभी एक, तो कभी दो पंपों से प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है। यहां छह पंप लगे हैं। फिलहाल मेंटेनेंस शुरू होने तक बिजली बिल चुकाने की जबावदेही ठेकेदार की होगी।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का ट्रायल रन सफल हो चुका है। बारिश के पानी के अलावा घर के रसोई, बाथरूम, एवं शौचालय के पानी से जुड़े आउटलेट को सीवर चेंबर से जोड़ा गया है। किसी प्रकार की समस्या सामने नहीं आई। ट्रॉयल रन के 3-4 माह तक कार्य को पूरा करने का नियम है। इसलिए आगे समय नहीं बढ़ाया गया है। निकलने वाले पानी के दोबारा इस्तेमाल के लिए किसानों से संपर्क किया जा चुका है।
ईश्वर सिंह चंदेली, कार्यपालन यंत्री निगम