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ऐसे झूले और मेले अब कम ही दिखाई देते हैं…

मेले के पंचमी दिन मेले में परंपरा अनुसार पूजन अर्चना के लिए लाया जाने वाले बीर की संख्या 2 दर्जन के लगभग रही।

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ऐसे झूले और मेले अब कम ही दिखाई देते हैं...

ऐसे झूले और मेले अब कम ही दिखाई देते हैं...

खैरवानी/हनोतिया. जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बुर्रीकला से कुछ दूरी पर प्रसिद्ध रैनी धाम मेले का प्रारंभ होली के दिन से हो गया है जहां पर सातों दिन तक चलने वाला इस मेले का श्रद्धालु ताता लगने लगे है। परंपरा अनुसार लोग इस मेले में पहुंचकर खंडेरा महाराज और मेघनाथ का पूजन कर रहे हैं। मेले के पंचमी दिन मेले में परंपरा अनुसार पूजन अर्चना के लिए लाया जाने वाले बीर की संख्या 2 दर्जन के लगभग रही।
रैनीधाम सतपुड़ा की सुंदर वादियों में स्थित है जहां कि खूबसूरती देखते ही बनती है। पहाडिय़ों पर बड़े-बड़े पत्थर अपनी विचित्र आकृति लिए हुए हैं। साथ ही पहाड़ी पर हरी-भरी झाडिय़ां है यह पत्थरों के बीच से मन मोह लेते हैं।
पंचमी के दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का हुजुम उमड़ पड़ा। होली के दिन से लगने वाले यहां मेला सात दिनों तक चलता है जिसमें लोगों की आस्था देखते ही बनती है यह होने वाले मेघनाथ की पूजा और बुजुर्गों के हिसाब से जो मन्नत की जाती है उसके पूरा होने के बाद मन्नत वीर इस जगह पर आकर अपनी मन्नत के अनुसार पूजा-पाठ व भेंट करते है। पहले यहां केवल आसपास के लोग पहुंचते थे लेकिन अब मेले में पूर्व छिंदवाड़ा जिले सहित बैतूल होशंगाबाद महाराष्ट्र से भी लोग आते हैं। समिति के द्वारा मेले में तैयारी एक माह पहले से ही पूरी कर ली जाती है ।