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इस पुराने भवन को गिराने पर न्यायालय ने लगाई रोक

40-50 साल पुराने जर्जर शासकीय भवनों को गिराने की हो रही थी कार्रवाई

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इस पुराने भवन को गिराने पर न्यायालय ने लगाई रोक

छिंदवाड़ा. शहीद स्मारक के पीछे जर्जर शिक्षक भवन को गिराए जाने पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गई है। न्यायालय ने प्रतिवादी नगर निगम को अपना पक्ष रखने के लिए सात दिन का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को नगर निगम द्वारा जिला ओलम्पिक स्टेडियम के सामने एवं शहीद स्मारक के पीछे बने पुराने शिक्षक भवन को कलेक्टर एवं निगम आयुक्त के निर्देश के बाद तोडऩे की कार्रवाई शुरू की गई। गुरुवार को इसे आधा ही तोड़ा गया था। शुक्रवार को जब सुबह पुन: शिक्षक भवन को तोडऩे निगम की टीम पहुंची तो उन्हें इस भवन में किराए से रह रहे लोगों द्वारा अधिवक्ताओं के माध्यम से स्टे आदेश दिखाया गया। इसके बाद निगम को पीछे हटना पडऩा। कार्यपालन यंत्री एनएस बघेल ने बताया कि पेशी में निगम द्वारा अपना पक्ष रखा जाएगा। किराएदारी का दावा करने वाले विकास मिगलानी ने बताया कि निगम द्वारा उन्हें भवन को तोडऩे की कोई जानकारी नहीं दी गई। अचानक ही वे भवन तोडऩे जा पहुंचे, जबकि उक्त भवन आज भी काफी मजबूत स्थिति में है।

गुरुवार को दो पुराने सरकारी भवनों पर हुयी थी गिराने की कार्रवाई

नगर निगम अमले द्वारा गुरुवार को दो एेसे सरकारी भवनों को गिराने की कार्रवाई हुई जो जर्जर हो चुके थे। इन्हें गिराने के लिए कलेक्टर द्वारा भी हरी झंडी दिखाई जा चुकी थी। निगम आयुक्त इच्छित गढ़पाले के आदेश के बाद निगम के सहायक यंत्री अशोक पांडेय के नेतृत्व में अतिक्रमण विरोधी अमले द्वारा दोनों स्थानों पर कार्रवाई की गई। उल्लेखनीय है कि शहीद स्मारक के पीछे 50 साल से अधिक पुराने भवन को गिराने के लिए कलेक्टर के आदेश बीस दिन पहले ही जारी हो चुके थे। इस पर अमल किया जाना था। इसके अलावा दीवानचीपुरा, साहू मोहल्ला स्थित पुराने सम्भागीय सेल्सटैक्स के ऑफिस को भी गिराने की कार्रवाई करने निगम दोपहर में पहुंचा, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने खुद ही गिराने का वादा किया।