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जंगल सूकर का शव गायब होना इन पर पड़ा भारी

सीसीएफ और डीएफओ ने जारी किए आदेश

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चौरई/छिंदवाड़ा. वन परिक्षेत्र चौरई के अधीन डुंगरिया-समसवाड़ा के बीच दुर्घटना में मृत हुए जंगली सूकर का शव गायब होने के मामले में चौरई रेंजर सुरेश भलावी,डिप्टी रेंजर वासुदेव शर्मा और वनरक्षक संध्या धुर्वे को निलंबित कर दिया गया है। 'पत्रिका' ने इस प्रकरण पर वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद सीसीएफ यूके सुबुद्धि ने रेंजर और डीएफओ एसएस उद्दे ने डिप्टी रेंजर और वनरक्षक के निलंबन आदेश जारी किए।
इस प्रकरण में यह सामने आया था कि बीती ११ जून को दोपहरं सिवनी मार्ग पर डुंगरिया समसवाड़ा के बीच अज्ञात वाहन की टक्कर से जंगली सूकर की मौत हो गई थी जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने चौरई वन अमले को दी। घटना से लगभग तीन घण्टे के बाद पहुंचे कर्मचारियों ने सूकर के शव को उठाकर चौरई के पास नवेगांव लाया। पंचनामा और अन्य कार्यवाही पूर्ण करने के बाद शव के पीएम के लिए पशु चिकित्सक के पास फ़ ार्म भेजा गया। शाम हो जाने की वजह से डाक्टर ने पीएम नहीं किया। उसके बाद सर्किल अधिकारी वासुदेव शर्मा ने सूकर के शव को नवेगांव स्थित तेंदूपत्ता गोदाम में रखवा दिया और वापस चौरई आ गए।
सुबह होने पर डॉ.आरएस सिंग पीएम करने पहुंचे तो उन्हें मौके पर जंगली सूकर का शव ही नहीं मिला। डॉक्टर पीएम कि ए बिना ही लौट आए। इस प्रकरण में रेंजर सुरेश भलावी और डिप्टी रेंजर शर्मा से लेकर वनरक्षक ने भी लापरवाही की। रेंजर का मोबाइल बन्द रहा। इस प्रकरण की जांच छिंदवाड़ा अनुभाग के एसडीओ बीआर सिरसाम ने की और जांच प्रतिवेदन में वन्य प्राणी जंगली सूकर के शव के साथ लापरवाही तथा अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका के बारे में लिखा। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई। पूर्व वनमण्डल के डीएफओ एसएस उद्दे ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि जंगल सूकर के शव मामले में लापरवाही पर चौरई रेंजर,डिप्टी रेंजर और वनरक्षक को निलंबित कर दिया गया है।