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कमलनाथ के गढ़ में संगठन तय करेगा कांग्रेस का जिलाध्यक्ष

कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने संगठन नेताओं से की बातचीत, कहा- किसी नेता की सिफारिश पर नहीं चुना जाएगा जिलाध्यक्ष

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chhindwara Congress

पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से संवाद करते पर्यवेक्षक।

कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस का जिलाध्यक्ष पद संगठन की मनमर्जी से तय होगा। प्रदेश कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से लगातार चर्चा की जा रही है। इसके उपरांत जिलाध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। बुधवार को स्थानीय राजीव कांग्रेस भवन में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) से पर्यवेक्षक संजय कपूर, पीसीसी से सुरेन्द्र चौधरी, सुनील जायसवाल एवं आनंद ढिमोले ने इस सिलसिले में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से संवाद किया।


राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एआइसीसी के 60 और प्रदेश कांग्रेस ने 180 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है। सभी पर्यवेक्षक सक्रिय होकर अपने निर्धारित क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम दिवस जिला स्तर पर बैठक लेकर क्षेत्र की नब्ज टटोलने का प्रयास किया। पहली रिपोर्ट 20 जून तक देनी है। रिपोर्ट प्रस्तुत करने के उपरांत भी ये क्षेत्र में आते-जाते रहेंगे, क्योंकि अभियान कई चरण में चलेगा।


एआईसीसी पर्यवेक्षक चीफ संजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। संगठन सृजन के नाम से अभियान शुरू किया गया है। इसमें बूथ स्तर से जिला स्तर तक नए स्वरूप में संगठन तैयार किया जाएगा।
पार्टी गाइड लाइन स्पष्ट है कि अब कोई नेता संगठन नहीं चलाएगा, बल्कि संगठन ही नेता की भूमिका तय करेगा।

जिसके नाम पर सहमति होगी, वह अध्यक्ष

कपूर ने कहा कि संगठन चुनाव में आयु सीमा को लेकर जो चर्चा है, वह अफवाह है। पार्टी के लिए जो बेहतर काम करने वाला होगा और जिसके नाम पर सहमति होगी वह अध्यक्ष चुना जाएगा। पार्टी प्रयास करेगी कि युवाओं, महिलाओं के साथ ही समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व का मौका मिले। ऐसा ही होगा इसकी कोई बाध्यता निर्धारित नहीं है। जरूरत के हिसाब से 60 वर्ष वाला भी अध्यक्ष बनेगा।

नहीं चलेगी अनुशंसा

उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष या अन्य पदों पर किसी नेता की अनुशंसा नहीं चलेगी। संगठन की सभी इकाइयों, हर उम्र और वर्ग के नेताओं के साथ संवाद किया जाएगा। कांग्रेस में रहकर दूसरे दलों को फायदा पहुंचाने वालों की संगठन में कोई जगह नहीं होगी। पार्टी के टिकट वितरण पर एआइसीसी और पीसीसी के साथ ही जिला कमेटी की बड़ी भूमिका होगी।