छिंदवाड़ा. दूषित वातावरण और तबेले की गंदगी के बीच विद्यार्थी पढऩे को मजबूर हंै। इतना ही नहीं स्कूल में उचित पेयजल की व्यवस्था है और न ही खेल के लिए मैदान है। वहीं एक ही कमरे में सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। एेसी ही कई समस्याओं से घिरा है शासकीय प्राथमिक शाला मढ़इटोला। यहां के शिक्षकों ने बताया कि कई बार प्रशासन तथा तबेला संचालक को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है, इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार शाला भवन तबेला संचालक द्वारा दान की गई जमीन पर बना हुआ है। इसी वजह से संचालक वहां अपनी मनमर्जी चलाता है। बारिश के समय छत व दीवारों में सीपेज, तबेले से आने वाली दुर्गंध और मवेशियों के माध्यम से फैलने वाली बीमारी का खतरा और बढ़ जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार गांगीवाड़ा से करीब पांच किमी दूर स्थित ग्राम मढ़ईटोला प्राथमिक स्कूल में दो शिक्षक तथा 32 विद्यार्थियों की संख्या दर्ज है। लेकिन बच्चों की नियमित उपस्थिति औसत दस ही रहती है। वहीं बच्चों को निर्धारित मैन्यू के आधार पर मध्याह्न भोजन भी नहीं दिया जाता है।
पीएचई ने किया था सर्वे
शिक्षक शंकर राणे ने बताया कि स्कूल में पेयजल की व्यवस्था के लिए पीएचई विभाग ने सर्वे किया था। पेयजल स्रोत से स्कूल की दूरी अधिक होने तथा लागत अधिक होने की समस्या है। इसके समाधान के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई। इससे शिक्षकों को ही कुछ दूरी पर स्थित गांव के नल से विद्यार्थियों के लिए पेयजल की व्यवस्था बनानी पड़ती है।