22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

health: एंबुलेंस 108 की सुविधा पाने इन शर्तों का करना होगा पालन, जानें वजह

- डॉक्टर की अनुशंसा और परिस्थिति से बढ़ेगा दायरा

2 min read
Google source verification
सरकारी अस्पतालों से रैफर मरीज को मिलेगी तुरंत 108 एंबुलेंस

सरकारी अस्पतालों से रैफर मरीज को मिलेगी तुरंत 108 एंबुलेंस

छिंदवाड़ा/ इमरजेंसी एंबुलेंस 108 के दुरुपयोग पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से सेवा में कुछ बदलाव किए गए है, जिसके तहत मरीज के परिवहन का दायरा 30 किमी निर्धारित किया गया है। इससे अधिक दूरी का प्रकरण होने पर सम्बंधित डॉक्टर की अनुशंसा और परिस्थिति के आधार पर दायरा बढ़ाया जा सकेगा। 108 एंबुलेंस के जिला प्रबंधक प्रभजोत सिंह ने बताया कि इमरजेंसी परिवहन सेवा का लाभ अतिआवश्यक मरीजों को ही पहले मिल सके, जिसके लिए उक्त व्यवस्था बनाई गई है।

वहीं ऐसे मरीज जिन्हें डॉक्टर ने रैफर किया है तथा एंबुलेंस के पहुंचने में समय लगने पर इंतजार किया जा सकता है तो उन्हें सुविधा का लाभ मिल सकेगा। लेकिन एंबुलेंस किसी केस में व्यस्त है तथा प्रकरण में शीघ्र उपचार की आवश्यकता है तो परिजन स्वयं की व्यवस्था से मरीज को अस्पताल पहुंचा सकते है।

जिला प्रबंधक सिंह ने बताया कि कॉलर द्वारा फोन करने पर उक्त जानकारी और सहमति ली जाएगी, जिसके बाद ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि कई प्रकरण में एंबुलेंस मौके पर पहुंचती है तथा उनके पहुंचने से पहले ही मरीज को अन्यत्र व्यवस्था से परिवहन कर दिया जाता है। इसकी वजह से एंबुलेंस को बिना मरीज के वापस लौटना पड़ता है।

सामान्य बीमारी से पीडि़त भी करते है कॉल -

बताया जाता है कि दुर्घटना, हार्ट अटैक या किसी गंभीर स्थिति में मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए इमरजेंसी एंबुलेंस 108 को बुलाया जाना चाहिए। कॉल करने पर कॉलर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराएंगे ऐसा नहीं कहा जा सकता है। लेकिन कई बार लोग सामान्य बीमारी से पीडि़त होने तथा आसानी से अस्पताल तक पहुंचने की स्थिति में होने पर भी एंबुलेंस बुलाते है, जिससे जरूरतमंद की दुविधा बढ़ जाती है।

गायनिक मामले में नियम नहीं लागू -


गायनिक मामले में प्रसूता तथा शिशुओं के फालोअप मामले में क्षेत्र सीमा की कोई प्रतिबंद्धता नहीं होगी। प्रसूता और शिशु को आवश्यक उपचार तथा उपचार के बाद घर छोडऩे की व्यवस्था पूर्व की तरह ही होगी।