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इस वर्ष चार नहीं पांच हजार अंकों की होगी स्वच्छता परीक्षा

स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 : स्टार रैंकिंग से मिलेगा 1250 अंकों का सपोर्ट, 04 से 31 जनवरी तक होगा सर्वेक्षण

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nigam

इस वर्ष चार नहीं पांच हजार अंकों की होगी स्वच्छता परीक्षा

छिंदवाड़ा. स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 देशभर के सभी शहरों एवं कस्बों में चार जनवरी से 31 जनवरी 2019 के बीच आयोजित किया जाएगा। सर्वेक्षण के विशेष मापदंडों को बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है। 2018 में 4000 अंकों की तुलना में सर्वेक्षण संकेतक/ प्रश्नावली में कुल 5000 अंक होंगे। ऑनलाइन एमआइएस के माध्यम से यह पूरी तरह डिजिटिल सर्वेक्षण होगा। डाटा का कलेक्शन चार बड़े सोर्स स्तर पर किया जाएगा। इसमें तीन सेवा स्तर प्रगति, नागरिक प्रतिक्रिया एवं प्रत्यक्ष निरीक्षण पूर्व के सर्वेक्षणों की तरह होंगे। चौथा सर्टिफिकेशन होगा।

-25-25 प्रतिशत में विभक्त है चारों सोर्स स्तर
पिछले वर्ष का सर्वेक्षण सेवा स्तर प्रगति 35 प्रतिशत, नागरिक प्रतिक्रिया 35 प्रतिशत एवं प्रत्यक्ष निरीक्षण 30 प्रतिशत अंकों पर निर्धारित था, लेकिन इस बार सर्टिफिकेशन को स्टार रैंकिंग का नाम देते हुए, इसके सहित सभी को 25-25 प्रतिशत में विभाजित कर दिया गया है। मतलब प्रत्येक स्तर 1250 अंकों के होंगे। इस बार सेवा स्तर प्रगति में एक नया कम्पोनेंट बाई-लॉ भी जोड़ा गया है। स्टार रैंकिंग के माध्यम से 1250 में से 20 प्रतिशत अंक मिलेंगे और पांच प्रतिशत ओडीएफ, ओडीएफ प्लस और ओडीएफ प्लस प्लस द्वारा शहर को हासिल होंगे।

एसबीएम ओडीएफ प्लस प्लस प्रोटोकॉल
एसबीएम अर्थात स्वच्छ भारत मिशन ओडीएफ के तहत शहरी स्वच्छता की निगरानी के तरीके में अब आदर्श बदलाव किया गया है। अब निर्मित शौचालयों की संख्या की निगरानी की जगह परिणामों की निगरानी की जा रही है।
शहरों की ओडीएफ स्थिति घोषित करने और प्रमाणित करने के लिए ओडीएफ प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। देशभर के 18 राज्यों के 3223 शहरों को ओडीएफ घोषित किया गया है। ओडीएफ की स्थिति का स्थायित्व और दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पैरामीटर लगाया जा रहा है। एसबीएम ओडीएफ प्लस और एसबीएम ओडीएफ प्लस प्लस प्रोटोकॉल में विभिन्न नए पहलुओं का समावेश किया गया है। स्थिरता, व्यक्ति शौचालय, सामुदायिक शौचायल रखरखाव एवं सेप्टेज का बेहतर प्रबंधन शामिल है। यहां ओडीएफ प्लस प्रोटोकॉल के अंतर्गत शौचालय के उपयोग को ध्यान में रखते हुए कार्यक्षमता, सफाई और रखरखाव को सुनिश्चित किया जाना है, वहीं ओडीएफ प्लस प्लस प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षित एवं मल-कीचड़ प्रबंधन सहित पूर्ण स्वच्छता मूल्य शृंखला को संकेत करते हुए स्थिरता प्राप्त करने के लिए दीर्घकालिक प्रभाव के लिए केंद्रित है।