
नगर निगम से संचालित शिवाजी पार्क की टॉय ट्रेन शहरवासियों के लिए तो मनोरंजन का साधन बनी हुई है, लेकिन निगम के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रही है। टिकट बिक्री से होने वाली आय ट्रेन के संचालन और रखरखाव के खर्च को पूरा नहीं कर पा रही है। हालात यह हैं कि ट्रेन में बैठने वाले यात्रियों से पैसे तो लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिए जा रहे, जिससे नगर निगम को हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। इस दौरान जिम्मेदार अधिकारियों ने न तो निरीक्षण किया और न ही जांच पड़ताल की।
नगर निगम के कैश विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि फरवरी माह में ट्रेन से मात्र 6340 रुपए की ही कमाई हुई। पूरे 18 दिन टिकटों से कोई भी आय नहीं हुई, जबकि संयोग से चार दिन सिर्फ 50-50 रुपए ही आए। अन्य दिनों में भी टिकटों की बिक्री बहुत कम दिखाई गई। 3 फरवरी को 1610 रुपए, 10 फरवरी को 840 रुपए, 13 फरवरी को 850 रुपए, 18 फरवरी को 1400 रुपए, 20 फरवरी को 320 रुपए और 24 फरवरी को 1120 रुपए की टिकट बिक्री दर्ज की गई।
निगम हर महीने ट्रेन के संचालन में 20,000 रुपए का डीजल खर्च करता है। इसके अलावा, हजारों रुपए मेंटनेंस पर भी खर्च किए जाते हैं और तीन कर्मियों को मानदेय भी दिया जाता है। इसके बावजूद ट्रेन से होने वाली कमाई इतनी कम है कि यह डीजल का खर्च भी पूरा नहीं कर पा रही है। वार्ड सुपरवाइजर दिमाकचंद डेहरिया ने जानकारी दी कि 15 फरवरी से 15 मार्च तक ट्रेन सिर्फ 5 दिन ही बंद रही, लेकिन इस दौरान निगम के खाते में सिर्फ 17,700 रुपए की आय दर्ज की गई, जबकि 20,000 रुपए का डीजल खर्च हुआ। नगर निगम के कैश विभाग के अनुसार, 15 फरवरी से 28 फरवरी तक 9 दिनों तक ट्रेन से कोई कमाई नहीं हुई। 14 मार्च को होली के दिन भी ट्रेन नहीं चली।
पत्रिका की पड़ताल में यह सामने आया कि यात्रियों से पैसे लेने के बावजूद उन्हें टिकट नहीं दिए जा रहे। नगर निगम के कैश विभाग में टिकटों की गिनती के आधार पर ही राशि जमा होती है, लेकिन जब यात्रियों को टिकट ही नहीं दिए जा रहे, तो निगम को इसकी सीधी आर्थिक हानि हो रही है। नगर निगम को कर्मचारी ही चूना लगा रहे हैं। मनोरंजन ट्रेन में बच्चों के अलावा परिजन को भी यात्रा कराई जा रही है। पांच साल तक के बच्चों से 10 रुपए और पांच साल से अधिक उम्र के यात्रियों से 20 रुपए वसूले जा रहे हैं, लेकिन मांगने पर भी टिकट नहीं दिया जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं।
नगर निगम आयुक्त सीपी राय ने पूरे मामले की जांच करने और पारदर्शी टिकट व्यवस्था लागू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की लापरवाही या गड़बड़ी सामने आती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
18 Mar 2025 07:21 pm
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