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Tribal Museum: डेढ़ माह बाद भी नहीं खुली दुकानें व कैफेटोरियम

- म्यूजियम आने वाले खान-पान के शौकीन हो रहे निराश, प्रशासन का कराया ध्यानाकर्षण

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Tribal Museum

बादलभोई आदिवासी म्यूजियम की दुकानों के बंद शटर।

बादलभोई आदिवासी राज्य स्तरीय म्यूजियम के लोकार्पण को दो माह होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक इस म्यूजियम की 14 दुकानों और कैफेटोरियम में ताला लगा हुआ है। प्रशासन और जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों ने इस पर रुचि नहीं ली है। इससे खान-पान के शौकीन निराश हो रहे हैं।
इस म्यूजियम का लोकार्पण बीती 15 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उसके बाद 27 नवम्बर से इस म्यूजियम को आम जनता के दर्शनार्थ खोला गया। तब से इस म्यूजियम में प्रतिदिन 500 लोग आ रहे हैं और म्यूजियम में आदिवासी कलाकृतियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की गाथाओं को सुन रहे हैं। इस दौरान म्यूजियम आ रहे युवक-युवतियों और बुजुर्गों को खान-पान की चीजों की कमी अखर रही है।
इस म्यूजियम में निर्माण एजेंसी ने एक कैफेटोरियम और 14 दुकानों का निर्माण कराया है। इन दुकानों को बेरोजगार युवक-युवतियों को आवंटित कर दिया जाए तो वे कम से कम बेहतर आय हासिल कर सकेंगे। बताते हैं कि इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन होना है। इस पर जब तक जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं देंगे, तब तक शायद ही कुछ हो पाएगा।

वन्या करेगी आदिवासी संग्रहालय का संचालन

इस आदिवासी संग्रहालय का संचालन वर्तमान में ट्राइबल के कर्मचारी कर रहे हैं। भविष्य में जनजातीय कार्य विभाग की संस्था वन्या इसका संचालन करेगी। इसके लिए संग्रहालय की फीस भी तय करेगी। फिलहाल जल्द ही वन्या के अधिकारी-कर्मचारी इसका निरीक्षण करने आएंगे।

ओपन थियटर के साथ बनाया शिल्प बाजार व कैफेटोरियम

इस संग्रहालय भवन में जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए छह गैलरियों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, यहां एक कार्यशाला कक्ष, एक लाइब्रेरी, कार्यालय के लिए स्थान, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर, शिल्प बाजार (शिल्पग्राम) और एक ट्राइबल कैफेटेरिया भी है। इस गैलरी में स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायकों रानी दुर्गावती, बादलभोई, भगवान बिरसा मुण्डा समेत गोंड राजाओं के शौर्य का वर्णन किया गया है। उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा, पांढुर्ना जिले की 23.74 लाख आबादी में 37 फीसदी आदिवासी है। इस वजह से केंद्र सरकार ने इस आदिवासी संग्रहालय का निर्माण किया है।

इनका कहना है

अभी आदिवासी संग्रहालय वन्या को हैंडओवर नहीं हुआ है। इसके जिम्मे आने पर ये व्यवस्थाएं भी होंगी। फिलहाल इस पर प्रशासन का ध्यान दिलाएंगे।
-सतेन्द्र मरकाम, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य