
सूखा एनीकट डैम।
अप्रेल से ही परासिया शहर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। नगर परिषद ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना तो बनाई है , लेकिन मैदानी स्तर पर जल संकट लगातार गहरा रहा है। दरअसल, शहर के 21 वार्डों में तीन स्थानों से पानी सप्लाई की जाती है। वर्तमान में वार्ड क्र 2,5,6 तथा वार्ड क्र 1, 3 और 4 के एक हिस्से में न्यूटन स्थित एनीकट बांध से पानी दिया जा रहा है। ये वार्ड भीषण जलसंकट से गुजर रहे हैं। यहां पांच से सात दिनों में एक बार जल आपूर्ति की जा रही है।
वार्ड क्रमांक 17 से 21 तक पांच वार्डों में पांच दिन के अंतराल में पीएचई के चरई फिल्टर प्लांट से पानी दिया जा रहा है। वहीं बाकी के वार्डों में खिरसाडोह स्थित बोर के माध्यम से तीन से चार दिन के अंतराल में पानी दिया जा रहा है। खिरसाडोह में 16 बोर में से 13 ही काम कर रहे हैं। 60 हजार की जनसंख्या वाले इस शहर में पानी की समस्या का निदान नहीं हो पाया है। गर्मी में सबसे अधिक परेशानी होती है। जल संग्रहण के लिए शहर में मात्र तीन ओवरहेड टंकियां चालू हालत में हैं। शहर के 34 हैंडपंप में 16 चालू हैं, लेकिन ज्यादातर में नाम मात्र पानी ही निकलता है।
नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष वीरबहादुर सिंह कहते हैं कि नगर में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। पांच से सात दिन के अंतर में पानी मिल रहा है। नपा प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण इस गर्मी में विकराल जल संकट उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि एनीकट का पानी बहा दिया गया, जल संग्रहण के उपाय नहीं किए गए, जिसके कारण न्यूटन स्थित एनीकट पूरी तरह सूख गया है। खदान का गंदा दूषित पानी सप्लाई किया जाता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं। पानी सप्लाई का समय कम कर दिया गया है और ऊपर से जल कर में बढ़ोतरी कर दी गई है। जल समस्या को लेकर कांग्रेसी पार्षद आमजन के साथ बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं।
नगर पालिका अध्यक्ष विनोद मालवीय ने बताया कि नगर में पानी की पर्याप्त सप्लाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। खिरसाडोह के कई बोर की क्षमता बढ़ाने के लिए नए मोटर पंप लगाए जा रहे हैं। नए बोर कराए जा रहे हैं। नगर स्थित लगभग 18 कुओं की मरम्मत कर स्लैब डालकर हैंडपंप लगाया जा रहा है। मंधान डैम से परासिया तक पानी लाने के लिए अमृत-2 योजना में लगभग 18 करोड़ का टेंडर हो गया है। इसके बाद नगर को एक से दो दिन के अंतराल में पानी मिल सकेगा। जल आपूर्ति व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है।
Published on:
19 Apr 2025 11:09 am
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