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नेशनल रैंकिंग में थ्री स्टार हुए हम, लेकिन राज्य स्तर में और पिछड़े

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 का परिणाम: देशभर के शहरों में 55वें स्थान से 25 वें स्थान पर आया छिंदवाड़ा

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kachra wahan

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 का परिणाम घोषित हो चुका है। देश भर के 50 हजार से तीन लाख की आबादी वाले शहरों में छिंदवाड़ा शहर स्वच्छता के मामले में इस बार 25 वें स्थान पर है। पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में छिंदवाड़ा 55 वें स्थान पर था। अब छिंदवाड़ा की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार आया है। वन स्टार रैंक से छिंदवाड़ा थ्री स्टार रैंक के स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि प्रदेश की रैंकिंग में अभी भी सुधार नहीं आया। गत साल की तुलना में छिंदवाड़ा अभी भी पांच अंक पीछे ही है। पिछले साल प्रदेश की रैंकिंग में छिंदवाड़ा 18 वें स्थान पर था, जबकि इस साल 23 वें स्थान पर है।


इस नतीजे में वेस्ट जनरेशन एवं प्रोसेसिंग, रिहायशी क्षेत्रों की साफ-सफाई, बाजार एरिया की साफ सफाई, जल स्रोतों की सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई का मुख्य योगदान रहा है। इन सभी में नगर निगम छिंदवाड़ा को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। गत साल वेस्ट जनरेशन एवं प्रोसेसिंग के मामले में निगम को सबसे कम अंक 27 अंक ही मिले थे। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में 97 फीसद, सोर्स स्तर पर कचरा पृथक्करण में 74 फीसद अंकों में भी इस बार कमी देखने को मिली है। सबसे खराब अंक कचरा स्थलों की स्थिति को लेकर मिले हैं। डंपिंग साइट के सुधार पर जहां साल 2023 पर 100 फीसद अंक मिले थे वहीं इस साल यह सिर्फ 17 अंकों तक सीमित रह गया।

प्रदेश में अभी भी निराशाजनक प्रदर्शन

देशभर के शहरों की रैंकिंग में भले ही छिंदवाड़ा की रैंकिंग में सुधार हुआ है, परंतु अपने ही प्रदेश के शहरों में छिंदवाड़ा पिछड़ गया है। वर्ष 2022 में छिंदवाड़ा तीसरे स्थान पर था, जबकि वर्ष 2023 में 15 अंक गिरकर 18 वें स्थान पर आ गया। इस साल 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में छिंदवाड़ा 23 वें स्थान पर पहुंच गया।

नौ साल में उतार चढ़ाव भरा रहा स्वच्छता रैंकिंग का सफर

देश में नौ साल पहले साल 2016 से शुरू हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में छिंदवाड़ा शहर प्रारंभिक वर्ष में शामिल नहीं हो सका। दूसरे साल 2017 में सफाई में सुधार, कचरा निस्तारण तथा सफाई आदतों में बदलाव के सहारे देश में 53 वें स्थान पर आ गया। 2018 में 42 वीं और 2019 में 26 वीं रैंक मिली। नवाचारों से शहर की सफाई व्यवस्था में और सुधार आया। वर्ष 2020 के नतीजे में फिर रैंक सुधर कर 16 वीं पहुंची। कोरोना संक्रमण के दौरान गतिविधियां करीब करीब ठप होने के कारण वर्ष 2021 का रिजल्ट निराशाजनक रहा। निगम 36 वें स्थान पर रहा। 2022 में एक बार फिर रैंकिंग 14 वें स्थान पर पहुंची।

अभी भी नवाचारों की थी जरूरत

साल 2022 में निगम ने जमकर नवाचार कराए थे, प्लास्टिक बोतलों के अपशिष्ट से टीशर्ट एवं कैप का निर्माण, जीरो वेस्ट वार्ड, गीले कचरे से घर-घर खाद, सबसे स्वच्छ रहवासी संघ प्रतिस्पर्धा, जामुनझिरी में निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रसंस्करण, मंदिरों में फूलों धूपबत्ती निर्माण आदि नवाचार किए थे। साल 2023 एवं इस साल भी नवाचारों की अनदेखी की गई। इससे रैंकिंग वापस उसी स्तर पर नहीं पहुंच सकी।