रूस की खिलाड़ी को हराना शिवानी के लिए अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण दिन था। हालांकि इसके बाद वह फाइनल में तुर्की के पहलवान से पराजित हो गई थी। उमरेठ के सत्यमेव जयते कान्वेंट स्कूल से पढऩे की शुरुआत करने वाली शिवानी इन दिनों भोपाल में पढ़ती है। एमपी स्पोर्टस एकेडमी में उसका चयन हुआ है। वह अभी यहीं रहकर अभ्यास कर रही है। उमरेठ आई शिवानी ने बताया कि पहले वह दौड ़में भाग लेती थी। बाद में फुटबॉल खेला, फिर स्टेमिना और पावर देखकर कोच कलसराम मर्सकोले ने कुश्ती में दांव आजमाने की सलाह दी। वे कुश्ती में आ गई। तीन सालों से कुश्ती में लगातार खेल रही है। रीवा और इंदौर में गोल्ड मैडल जीतने के बाद कई टाईटल उन्होंने जीते।