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साक्षी की राह पर बढ़ रही उमरेठ की शिवानी

उमरेठ जैसे छोटे से गांव की पहलवान शिवानी पवार इस खेल में अपने झंड़े गाड़ रही है।

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Arun Garhewal

Sep 01, 2016

chhindwara

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परासिया (छिंदवाड़ा). ओलंपिक में साक्षी के मैडल जीतने के पहलवानी के क्षेत्र में महिलाओं की उम्मीदें बढ़ गई है। उमरेठ जैसे छोटे से गांव की पहलवान शिवानी पवार इस खेल में अपने झंड़े गाड़ रही है। साक्षी की राह पर आगे बढने का लक्ष्य लिए शिवानी मेहनत कर रही है। हाल ही में तुर्की में हुए स्कूल वल्र्ड गेम में शिवानी ने सिल्वर मैडल जीता था। अब हरियाणा की रेसिलंग ऐकेडमी में चयन के लिए शिवानी प्रयास कर रही है। इसी एकेडमी से एशियन और ओलंपिक खेलों के लिए पहलवानों का चयन किया जाता है। शिवानी अभी 19 वर्ष जूनियर में 48 किलो वजन वर्ग में खेल रही है। शिवानी के मामा रवि पवार कोयला खदान कर्मचारी हैं। वे उसकी मदद करते हैं। साधारण आर्थिक परिवार की शिवानी अपनी मेहनत पर कुश्ती में नाम कमा रही है। मामा रवि पवार ने बताया कि उसे लेकर वे दिल्ली जाएंगे। दिल्ली से उसे हरियाणा की रेसलिंग एकेडमी में प्रवेश के लिए प्रयास करेंगे। शिवानी ने जूनियर चैंपियनशिप और जूनियर वल्र्ड चैंपियन के शिविर लखनउ में शामिल हुई थी। अब भारत सरकार की रेसलिंग एकेडमी में शामिल होने का लक्ष्य लेकर वह प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि उमरेठ क्षेत्र की कई महिला पहलवान इन दिनों सक्रिय है। शालेय प्रतियोगिताओं में नेषनल तक इनका दबदबा है। शिवानी ने इसे नई उड़ान दी है।
रूस की खिलाड़ी को हराया
रूस की खिलाड़ी को हराना शिवानी के लिए अपनी जिंदगी का महत्वपूर्ण दिन था। हालांकि इसके बाद वह फाइनल में तुर्की के पहलवान से पराजित हो गई थी। उमरेठ के सत्यमेव जयते कान्वेंट स्कूल से पढऩे की शुरुआत करने वाली शिवानी इन दिनों भोपाल में पढ़ती है। एमपी स्पोर्टस एकेडमी में उसका चयन हुआ है। वह अभी यहीं रहकर अभ्यास कर रही है। उमरेठ आई शिवानी ने बताया कि पहले वह दौड ़में भाग लेती थी। बाद में फुटबॉल खेला, फिर स्टेमिना और पावर देखकर कोच कलसराम मर्सकोले ने कुश्ती में दांव आजमाने की सलाह दी। वे कुश्ती में आ गई। तीन सालों से कुश्ती में लगातार खेल रही है। रीवा और इंदौर में गोल्ड मैडल जीतने के बाद कई टाईटल उन्होंने जीते।

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