
एडमिशन न मिलने से क्षुब्ध छात्राएं मां के साथ बैठीं अनशन पर और फिर
चित्रकूट. पढ़ाई लिखाई कर कुछ करने की चाह रखने वाली बेटियों को शिक्षा व्यवस्था की अव्यवस्था का शिकार होना पड़ रहा है, उनके सामने अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई बार अपनी बात जि़म्मेदारों तक पहुंचाई लेकिन कोई सुनवाई न होने से क्षुब्ध बेटियों ने अपनी मां के साथ अनशन शुरू कर दिया। छात्राओं के इस कदम से प्रशासन से लेकर विद्यालय प्रबंधन तक हरकत में आ गया और फिर उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन देकर उनके आंदोलन को समाप्त करवाया गया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बुलन्द करने और इसको एक मुहीम के रूप में लेकर चलने वाले समाज में बेटियों को अपनी शिक्षा के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है वो भी सिर्फ इसलिए कि शैक्षणिक व्यवस्था इन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रही है। कहने को तो जनपद में केंद्रीय विद्यालय स्थापित कर दिया गया लेकिन अव्यवस्थाओं की पहुंच अभी भी यहां बनी हुई है।
छात्राएं मां के साथ बैठीं अनशन पर
केन्द्रीय विद्यालय में एडमिशन न मिलने से क्षुब्ध तीन छात्राएं अपनी मां के साथ विद्यालय परिसर में ही अनशन पर बैठ गईं। छात्राओं के अनशन में बैठते ही जिला प्रशासन के साथ ही केन्द्रीय विद्यालय प्रशासन में हडकंप मच गया। आनन-फानन में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त वाराणसी ने फोन पर अभिभावकों से बात कर भरोसा दिया कि छात्राओं का दाखिला कराया जाएगा। इस आश्वासन पर छात्राओं का अनशन समाप्त कराया गया। लगभग 2 घण्टे तक छात्राएं अपनी मां के साथ अनशन पर बैठी रहीं।
मचा हड़कम्प
विद्यालय परिसर में छात्राओं के अपनी मां के साथ अनशन पर बैठने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के साथ ही केन्द्रीय विद्यालय संगठन में हडकंप मच गया। आनन-फानन में पहुंची एलआईयू की टीम ने छात्राओं से समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। इधर केन्द्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के उपायुक्त ने फोन पर पूरे मामले की जानकारी ली और छात्राओं की प्रवेश सम्बंधी समस्या को हल करने का भरोसा दिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य विनोद कुमार भी स्टाफ के साथ अनशन स्थल पर पहुंचे और उन्होनें भी भरोसा दिलाया कि इस समस्या का किसी तरह से निदान किया जाएगा, इसके बाद छात्राओं का अनशन समाप्त हुआ।
इसलिए नहीं मिल रहा एडमिशन
अभी तक रैन बसेरे में संचालित हो रहे केंद्रीय विद्यालय को दो दिन पहले जीजीआईसी कर्वी में शिफ्ट किया गया। इसके इतर एक अजीब व्यवस्था के तहत हाईस्कूल पास करने वाली छात्राओं को अजीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल विद्यालय से इसी वर्ष हाईस्कूल उत्तीर्ण करने वाली कई छात्राओं का कक्षा 11 में प्रवेश नहीं लिया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि इन छात्राओं के अंक 60 प्रतिशत से कम हैं। इसके अलावा विद्यालय में कक्षा 11 में सिर्फ विज्ञान वर्ग की ही कक्षाओं के संचालित होने की व्यवस्था है कला वर्ग की नहीं। दो दिन पहले छात्राओं ने जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर से मिलकर विद्यालय द्वारा प्रवेश न लिए जाने के संबंध में अवगत कराया था।
Published on:
05 Jul 2018 08:41 pm
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