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Chitrakoot News : राम-रहीम की नगरी में नहीं मनाया जायेगा मुहर्रम, जानें वजह

राम और रहीम के दौर से हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक रही धर्म नगरी चित्रकूट में इस बार मुहर्रम के त्योहार में प्रशासन द्वारा पूर्व की भांति ताजिया निकालने की परमीशन न देने पर मुस्लिम समुदाय ने शहर मुख्यालय में मोहर्रम का त्यौहार नहीं मना रहे है।

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Chitrakoot News : राम-रहीम की नगरी में नहीं मनाया जायेगा मुहर्रम, जानें वजह

Chitrakoot News : राम-रहीम की नगरी में नहीं मनाया जायेगा मुहर्रम, जानें वजह

आपको बता दे कि 20 जुलाई से मुहर्रम का पर्व शुरू हो गया था। जो दस दिनों तक मुस्लिम भाइयों को मुहर्रम का पर्व बनाना था जो आज मुहर्रम का पाचवा दिन है। लेकिन मुसलमान भाई ने इस बार मुहर्रम का त्योहार नही मना रहे है।

ऐसे में मुस्लिम समुदाय का कहना है। कि पिछले कई वर्षों से जो नियम कायदों से मुस्लिम समुदाय मोहर्रम का त्यौहार मनाता चला आ रहा था। नियम संगत उन्हीं जगहों पर उसी रूट पर मोहर्रम का त्यौहार मनाया जाना सुनिश्चित था। और उनके पुरखों के वक़्त से शहर के लक्ष्मणपुरी स्थित कब्रिस्तान में ताजिए को कुछ देर के लिए रख कर बुज़ुर्गो की कब्र में दुआ पढ़ी जाती थी। जिस पर अब प्रशासन ने रोक लगा दी है।

उनका कहना है कि 1981 से उनको कब्रिस्तान की जमीन वक्फ/दान की गई थी। जहां वो लगातार मोहर्रम के त्योहार में ताजिया को रखकर दुआ फातिहा करते थे। लेकिन कब्रिस्तान के पड़ोस में रहने वाले भाजपा नेता पवन बद्री अब इस कब्रिस्तान को खत्म कर इस स्थान पर पार्क बनाने की बात पर अड़े हुए हैं। और कब्रिस्तान में दाखिल होने पर रोक लगा रहे हैं।

इसलिए जब तक उनकी कब्रिस्तान में जाने की इजाजत नहीं दी जाती है। तब तक वह लोग मुहर्रम का त्योहार नही मनाएंगे । वही भाजपा नेता पवन बद्री का कहना है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार शहर मुख्यालय में कब्रिस्तान या शमशान नहीं होना चाहिए बावजूद इसके शहर के अंदर कब्रिस्तान होने से उनको दिक्कत हो रही है। जिसका मामला मंडलायुक्त बांदा के न्यायालय में विचाराधीन है और शासन से मांग करते हैं कि कब्रिस्तान के अंदर किसी भी प्रकार की गतिविधियां ना की जाए।

वही मुस्लिम समुदाय से कब्रिस्तान अध्यक्ष अमीर हसन का कहना है। कि पिछले कई वर्षों से वह अपने इस कब्रिस्तान में मोहर्रम के त्यौहार में ताजिया को रखकर दुआ तिलावत करते चले आ रहे हैं। वही होली और शबे बारात के त्यौहार में हुई पीस कमेटी की बैठक के दौरान कब्रिस्तान का मामला उठा था जिसमें उनसे पुलिस प्रशासन द्वारा यह कहा गया और लिखा पढ़ी में समझौता करवाया गया।

जिसमें लिखा गया था शबे बारात और होली में दोनों पक्ष कब्रिस्तान में दाखिल नहीं होंगे। जिस समझौता पत्र पर कोतवाल द्वारा बाद में समझौता पर जबरन यह लिख दिया गया कि किसी भी त्यौहार में दोनों पक्ष कब्रिस्तान में मामला विचाराधीन होने तक नहीं जाएंगे जबकि वह समझौता होली और शबे बारात के लिए था ऐसे में पुलिस प्रशासन जब हमें कब्रिस्तान में दाखिल होने की इजाजत नहीं दे रहा तो शहर मुख्यालय की कमेटी इस वर्ष सौहार्द वातावरण को बनाए रखने के लिए मोहर्रम का त्यौहार नहीं बनाएगी।

कब्रिस्तान के अध्यक्ष अमीर हसन का कहना है कि हमारे पास कब्रिस्तान के सभी मूल दस्तावेज व गजट मौजूद है जिसमें कब्रिस्तान को वक्त किया गया था और पूर्व के अन्य समझौतों की भी कॉपी मौजूद है बावजूद इसके भाजपा नेता पवन इस मामले को तूल दे रहे हैं हमारे पास कब्रिस्तान से जुड़े सभी कागजात हैं जिसमें पवन बद्री की मौसी और माताजी का समझौता में दस्तखत भी मौजूद है लेकिन वह पता नहीं क्यों इस मामले को तूल दे रहे हैं इसलिए चित्रकूट का सौहार्द बना रहे जिसके चलते हम सभी मुस्लिम समुदाय के लोग मोहर्रम का त्यौहार नहीं मनाएंगे। मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोगों ने उटार खाना स्थित इमामबाड़े में बैठक कर इस बारे में चर्चा की और त्यौहार ना मनाने पर जोर दिया है।