
जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मिले संघ सर कार्यवाहक, इन बड़े मुद्दों खुलकर हुई बात
चित्रकूट. भारत माता की सेवा के लिए मन विचार और आचरण से शुद्ध होना चाहिए। भगवा ध्वज राष्ट्र के उत्थान का साक्षी रहा है और संघ की अपनी विशेष परंपरा है। संघ में किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि भगवा ध्वज को ही गुरू माना जाता है। ये बातें कहीं चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआई) की प्रबंध समिति की बैठक में शामिल होने आए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने।
सर कार्यवाह चित्रकूट में डीआरआई की प्रबंध समिति की बैठक और गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में शामिल हुए। देश भर से आए डीआरआई के कार्यकताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवा ध्वज त्याग और राष्ट्र के उत्थान का प्रतीक है। ध्वज को ही संघ में गुरु माना गया है न कि किसी व्यक्ति विशेष को। कार्यकर्ताओं को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाते हुए सर कार्यवाह ने कहा कि भारत माता की सेवा करने के लिए मन विचार और आचरण से शुद्ध होना चाहिए।
रामभद्राचार्य से गहन चर्चा
चित्रकूट प्रवास पर आये सर कार्यवाह ने विकलांग विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात कर कई बिंदुओं पर गहन चर्चा की। रामभद्राचार्य कई बार अयोध्या राम मंदिर को लेकर तीखे और बड़े बयानों के द्वारा सुर्ख़ियों में आ चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने श्री श्री रवि शंकर द्वारा मंदिर विवाद की पहल की भी आलोचना की थी। सूत्रों की मानें तो सरकार्यवाह और जगद्गुरु के बीच इस मुद्दे को लेकर भी चर्चा हुई, हालांकि मीडिया और लोगों को इस मुलाकात से दूर रखा गया। इस दौरान चित्रकूट के विकास को लेकर भी चर्चा हुई।
नानाजी देशमुख ने की थी डीआरआई की स्थापना
प्रख्यात समाजसेवी और आरएसएस के स्वयंसेवक नानाजी देशमुख ने चित्रकूट में डीआरआई की स्थापना की थी, जिसके माध्यम से विभिन्न ग्रामीण इलाकों में विकासपरक कार्यक्रम व् प्रकल्पों के द्वारा स्वावलम्बन की धारणा विकसित की जा रही है।
Published on:
30 Jul 2018 05:41 pm
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