चित्रकूट

शबरी जल प्रपात: प्रकृति की गोद में स्वर्ग सा एहसास नजारे ऐसे कि न हटें नजरें

प्रकृति की गोद में एक ऐसा स्थान जहां स्वर्ग सी अनुभूति होती है

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शबरी जल प्रपात: प्रकृति की गोद में स्वर्ग सा एहसास नजारे ऐसे कि न हटें नजरें

चित्रकूट: भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में वैसे तो न जाने कितने मनोहारी स्थल हैं जिनका दृश्यावलोकन करने के बाद आंखों पर यकीन नहीं होगा कि कुदरत ने अपनी नियामत बुंदेलखण्ड में भी बखूबी बरती है लेकिन सिस्टम की दुश्वारियों के चलते तपोभूमि के कई पर्यटन स्थल आज तक देश दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी जगह नहीं बना पाए. इन्ही स्थलों में से एक है शबरी जल प्रपात. प्रकृति की गोद में एक ऐसा स्थान जहां स्वर्ग सी अनुभूति होती है पर्यटकों को और दिलकश नजारों से नज़रें नहीं हटतीं.

आकर्षण का केंद्र शबरी जल प्रपात

चित्रकूट के यूपी और एमपी बॉर्डर पर स्थित शबरी जल प्रपात अपने अनोखे आकर्षण के लिए जाना जाता है. दुर्भाग्य कि देश प्रदेश के कई नामी जल प्रपातों(वॉटर फॉल) की फेहरिस्त में इसका स्थान नहीं लेकिन जो भी इसकी सुंदरता देखता है वो इस स्थान का गुणगान किए बिना नहीं रह पाता. जनपद के मारकुंडी थाना और मध्य प्रदेश के धारकुंडी थाना क्षेत्र के जंगलों के बीच पाठा के पहलू में स्थित है शबरी जल प्रपात.

40 फिट नीचे गिरती जलधाराएं

घने जंगलों पहाड़ों के बीच कुदरत का एक नायाब तोहफा है शबरी जल प्रपात. पयस्वनी सहित अन्य छोटी नदियों के एकत्र होने से तीन भागों में बंटी जलधाराएं जब लगभग 40 फिट नीचे कुण्ड में प्रचण्ड वेग से गिरती हैं तो किसी जलतरंग की ध्वनि की भांति पर्यटकों के अंतर्मन को झंकृत कर देती हैं. एक कुण्ड में गिरने के बाद ये जलधाराएं पुनः दो भागों में बंटते हुए दूसरे कुण्ड में गिरती हैं जो प्रकृति के सम्मोहन को और बढ़ा देती हैं. बारिश के मौसम में शबरी जल प्रपात की सुंदरता अपने चरम पर होती है.

कवायद की ओर बढ़े कदम

बुन्देलखण्ड में पर्यटन की असीम संभावनाएं व्याप्त हैं लेकिन आज तक सरकारी तंत्र की व्यवस्था की अव्यवस्था के कारण इस इलाके को उसकी वास्तविक पहचान नहीं मिल पाई सिवाए बेरोजगारी भुखमरी पलायन और दस्यु समस्या के. चित्रकूट की दशा तो और दयनीय है. पर्यटन का खजाना मौजूद होने के बावजूद भी श्री राम की ये तपोभूमि आज भी बेबस है अपनी मुफलिसी को लेकर. जनपद को इसी पिंजड़े से मुक्त करने के लिए अब इस इलाके को पर्यटन के पटल पर लाने की कवायद शुरू हो गई है. जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर सहित युवा समाजसेवियों ने पाठा के ऐसे ही दुर्लभ स्थानों को देश दुनिया के मानचित्र पर लाने के लिए प्रयासरत हैं. डीएम ने क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में पहचान दिलाने के उद्देश्य से शबरी जल प्रपात के ऊपर ड्रोन कैमरे के द्वारा एक छोटी सी फ़िल्म भी तैयार करवाई है.

Published on:
10 Aug 2018 12:28 pm
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