
अगर आप भी जंगलों की सैर करना पसंद करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। जल्द ही चित्रकूट आने वाले पर्यटकों को यहां रानीपुर टाइगर रिजर्व में बाघ और तेंदुओं के साथ सैर करने का मौका मिलेगा। साथ ही यहां काले हिरन, गुलदार, जंगली बिल्ली, चौसिंघा और सांभर के साथ रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। इसके अलावा पर्यटक यहां धार्मिक स्थलों में सती अनसुइया आश्रम, हनुमान धारा और धारकुंडी आश्रम भी जा सकेंगे। प्रदेश सरकार की तरफ से जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बता दें कि रानीपुर टाइगर रिजर्व का निदेशालय चित्रकूट जिले के मुख्यालय कर्वी में होगा।
रानीपुर टाइगर रिजर्व के लिए 50 करोड़ होंगे खर्च
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार चित्रकूट में रानीपुर टाइगर रिजर्व के लिए जल्द ही 50 करोड़ रुपये खर्च कर इसका विकास करने जा रही है। साथ ही इस क्षेत्र के जंगलों में सड़कों, विशेष बाघ संरक्षण बल कैंप, बैरक का निर्माण, चेकडैम, वाटर होल, पेट्रोलिंग कैंपस के साथ ही वायरलेस सिस्टम को स्थापित किया जाएगा। वहीं तय प्रस्ताव के मुताबिक, रानीपुर टाइगर रिजर्व का उत्तरी सीमा चित्रकूट और दक्षिणी सीमा रीवा व सतना जिले से जुड़ी होंगी।
बाघों का प्राकृतिक वास बनाने की तैयारी
दरअसल, वन विभाग और राजस्व विभाग ने तय किया है कि मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे हुए रानीपुर वन्य जीव विहार एवं आसपास के वन क्षेत्र को शामिल कर करीब 52989 हेक्टेयर में इसका निर्माण किया जाएगा। इसमें से 23031 हेटेक्यर में बाघों का प्राकृतिक वास बनाया जाएगा। इसके अलावा बाहरी क्षेत्र के रूप में 29958 हेक्टयर भूमि को चिन्हित किया गया है। रिजर्व के पांच किमी दायरे में करीब 1.19 लाख की आबादी है। इसमें 60 फीसदी अनुसूचित जाति के हैं। उनकी आर्थिक प्रगति के लिए ईको समितियों के माध्यम के योजनाएं चलाई जाएंगी।
Published on:
15 Sept 2022 12:20 pm
बड़ी खबरें
View Allचित्रकूट
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
