
बसें कर दी कम तो बढ़ गया आय का ग्राफ
चित्तौडग़ढ़. रोडवेज निगम का घाटा कम करने के लिए सरकार द्वारा लगातार नवाचार किए जा रहे है। कई नवाचार रोडवेज निगम को राहत पहुंचा रहे है तो कई नवाचार कामयाब नहीं होने पर कागजों में दफन हो रहे है।
हाल ही में प्रदेश में घाटे में रुटों पर बसों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। जिला मु यालय पर भी घाटे में चल रहे रुटों पर बसों को बंद किया गया, जिसके चलते निगम की आय में बढ़ोतरी भी देखने को मिली है। गत वर्ष के नवंबर व दिसंबर माह में चित्तौड़ डिपो को जितना लक्ष्य मिला उस लक्ष्य की प्राप्ति पूरी कर ली थी। इतना ही इन्हीं माह की गतवर्ष २०१८ की तुलना में सात फीसदी यात्रीभार भी बढ़ा है। जानकारी के अनुसार वर्ष २०१९ के नवंबर माह में चित्तौड़ डिपो को नौ लाख ९१ हजार ९८० किलोमीटर बसें चलाने का लक्ष्य मिला जिसके मुकाबले दस लाख ९२४ किमी बसें चली। नौ लाख ६२ हजार ५१६ रुपए अधिक आय प्राप्त हुई। प्रति किमी आय का लक्ष्य ३२.८४ रुपए के मुकाबले ३३.५१ रुपए की प्राप्ति हुई। यात्रीभार का लक्ष्य ७५ फीसदी था जिसके मुकाबले ७७ फीसदी यात्रीभार रहा। इसीतरह दिसंबर माह में नौ लाख ९९ हजार ७४८ किमी. चली और तीन करोड़ २४ लाख ७६ हजार ४०१ रुपए की आय हुई। प्रति किमी आय का लक्ष्य ३२.४० रुपए था जिसके मुकाबले ३२.६२ रुपए प्राप्त हुई।
७४ फीसदी यात्री भार का लक्ष्य के मुकाबले ७५ फीसदी रहा। चित्तौडग़ढ़ डिपो के मुख्य प्रबंधक सुधांशु राय नागौरी ने बताया कि नवंबर व दिसंबर माह में चित्तौड़ डिपो की आय में वृद्धि हुई है। इसका प्रमुख कारण बसों की सही टाइम टेबल, कम आय देनी वाली बसों को बंद करना भी है।
Published on:
09 Jan 2020 11:06 pm
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