राजस्थान रोडवेज में डिजिटल इंडिया के तहत लागू की गई क्यूआर कोड स्कैनिंग व्यवस्था नेटवर्क की धीमी गति में उलझ गई है। वजह ईटीएम मशीन में टूजी ओर थ्रीजी इंटरनेट की सिम का होना है।
Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज में डिजिटल इंडिया के तहत लागू की गई क्यूआर कोड स्कैनिंग व्यवस्था नेटवर्क की धीमी गति में उलझ गई है। वजह ईटीएम मशीन में टूजी ओर थ्रीजी इंटरनेट की सिम का होना है। कमजोर नेटवर्क के कारण ईटीएम मशीन में क्यूआर कोड ही जनरेट नहीं हो पाता है। ऐसे में यात्री चाहकर भी क्यूआर कोड को स्कैन कर यात्री ऑनलाइन किराए का भुगतान नहीं कर पाते हैं।
कई परिचालकों ने बताया कि डिजिटल व्यवस्था की शुरुआत अच्छी थी, लेकिन चलती बस में तेज इंटरनेट नेटवर्क नहीं होने से यह व्यवस्था परेशानी का कारण बन गई है। परिचालकों के अनुसार सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी या दूरदराज के इलाको में आती है। कई बार तो यात्री को समस्या के बारे में समझाना तक मुश्किल हो जाता है। यात्रियों के अनुसार मौजूदा दौर में अधिकांश जगह डिजीटल भुगतान ही चल रहा है। ऐसे में जब रोडवेज प्रबंधन ऑनलाइन भुगतान सुविधा के दावे कर रहा है तो बसों में बेहतर नेटवर्क की सुविधा भी होनी चाहिए।
कसर रोडवेज के कई परिचालकों को आधुनिक ईटीएम मशीन की जानकारी नहीं होना परेशानी का कारण है। इससे कई बार अप्रिय स्थिति होने पर परिचालक व यात्रियों के बीच विवाद की नौबत आती है। गौरतलब है कि निगम प्रबंधन की ओर से राजस्व रिसाव को रोकने व रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए डिजीटल भुगतान शुरू करने की कवायद की गई थी।
प्रदेश में ईटीएम मशीन- 300
रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या- 7-10 लाख
डिजिटल पेमेंट उपयोगकर्ता- 30 से 35 फीसदी
क्यूआर स्कैनिंग फेल के मामले- 20 से 25 फीसदी