
जन जन की आस्था का केंद्र जोगणिया माताजी मंदिर
बेगूं. जोगणिया माता मंदिर चित्तौडग़ढ़ जिले के बेगंू उपखण्ड मुख्यालय से कस्बे से 12 किमी पर प्रकृति की गोद में स्थित है।
जोगणिया माता का मंदिर तीन दिशाओं से अरावली पर्वतमाला की पहाडिय़ों से घिरा हुआ है। मंदिर की दीवार के पश्चिम दिशा में सैकड़ों फीट गहरी खाई है और आगे विशाल जंगल है। मंदिर के चारो तरफ घने जंगल फैले हैं। वर्षा काल में मंदिर से नीचे 300 फीट गहरे दर्रे में झरना गिरता है जो मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
जोगणिया माता मंदिर के बारे में कहावत है कि पहले यहां अन्नपूर्णा देवी का मंदिर था। मंदिर से 2 किमी की दूरी पर हाड़ा राजाओं का किला बम्बवतागढ़ है। एक बार देवा हाड़ा ने देवी अन्नपूर्णा को अपनी बेटी की शादी में आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया। देवा हाड़ा की पुत्री के विवाह में जोगन रूप धारण करके आई। देवी मां को राजा हाड़ा पहचान नही पाए जिससे उनका अनादर हो गया। देवी के श्राप से हाड़ा राजा के साम्राज्य नष्ट हो गया। आज भी बम्बवतागढ़ में महलों के अवशेष है। राजा हाड़ा के महल में जोगिन रूप में आने के कारण देवी अन्नपूर्णा जोगणिया माता के नाम से प्रसिद्ध हुई। यहां आसपास के लोगों में सैंकड़ों वर्षों से मन्नत पूरी होने पर पशुओं की बलि चढ़ाने की प्रथा थी। क्षेत्र की प्रसिद्ध जैन साध्वी यशकंवर के सतत प्रयास एव प्रेरणा से पशु बलि बंद कराने के लिए समाज को जागृत किया। कई बार आंदोलन भी हुए। इनके प्रयास से 1974 में यहां पशु बलि बंद हुई। आज जोगणिया माताजी में चारों ओर धर्मशालाएं एवं कई निर्माण हो गए। मूल मंदिर का पुनर्निर्माण जारी है। दोनों नवरात्र पर यहां मेला लगता है। लाखों श्रद्धालुओं की यह आस्था का केंद्र है।
मेले में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम
निम्बाहेड़ा. घाटा क्षेत्र के प्रमुख शक्तिपीठ स्थल श्री बीसंती माता मंदिर पर चैत्र नवरात्र मेला आयोजन समिति द्वारा मेले के दूसरे दिन गुरुवार रात्रि को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विभिन्न निजी व सरकारी विद्यालयों के बालक बालिकाओं ने देशभक्ति से ओत प्रोत रचनाएं व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रभारी नंदकिशोर मेघवाल एवं गोपाल दास बैरागी ने बताया कि अतिथि कनेरा प्रधानाचार्य हीरालाल धाकड़, मेलाना प्रधानाचार्य रमेशचंद्र भाटी, बैंक ऑफ बदौड़ा शाखा प्रबंधक धर्मराज मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक गोपाललाल धाकड़ थे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रशंसा पत्र एवं पारितोषिक वितरण समिति के कार्यकर्ता गीतालाल पचोरिया, रामनारायण बीर, नीतिन जैन, रंगलाल संगीतरा, राजेश भंगूरा, दिनेश बीर आदि द्वारा किया गया। इस अवसर पर कस्बे सहित आसपास के श्रद्धालु उपस्थित थे।
Published on:
09 Apr 2022 10:31 pm
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