
होली पर चित्तौडग़ढ़ के गोल प्याऊ स्थित एक दुकान पर सजी पिचकारिया
चित्तौडग़ढ़
होली को लेकर बाजार सजकर तैयार हो गए है, गोल प्याऊ, प्रतापनगर और सेंती क्षेत्र में रंग, गुलाल व पिचकारियों दुकानों पर सज गईहै। हर बार की तरह इस बार भी बाजार में कई पिचकारियां आई है, जिनमें पंप, कार्टून, गन वाली ही है।
गोल प्याऊ स्थित एक दुकान संचालित करने वाले सुनील जैन कहते हैं इस बार बाजार में चाइनीज सामान नहीं आया है, इनकी जगह भारतीय पिचकारिया व सामान ही आए है।
इनमें मैजिक झाडू गुब्बारा बहुत पसंद किया जा रहा है। इस गुब्बारे को नल के आगे लगाना है, जिसमें करीब 20 गुब्बारे एक साथ भरकर पैक हो जाते है। साथ ही चिप्स पिचकारी भी आई है,
इसमें पिचकारी चिप्स के पैकिट की तरह लग रही है। होली पर दुकानों पर बच्चों को आकृषित करने के लिए कार्टून की पिचकारिया भी आई है। जिनमें छोटा भीम, डोरीमेन, स्पाइडर मैन, बार्बी डॉल,
सभी तरह के कार्टून वाली पिचकारी बनाई हैं। सभी पिचकारियों की कीमत 10 से लेकर 500 रुपये तक के बीच में है।
40 से 200रुपए किलो गुलाल
इधर, बाजार में रंगों व गुलाल भी दुकानो में सज गई है। इनमें नेचूरल कलर व अरारोठ की गुलाल भी शामिल है, जिनके बारे में बता रहे हैकि वह स्कीन को नुकसान नहीं पहुंचाती है। बाजर में उपलब्ध गुलाल की कीमत 40 से 200 रुपए किलो तक है।
टंकी भर जाएगा पांच लीटर पानी
बाजार में टंकी वाली पिचकारी की भी डिमांड है। जिसमें एक से लेकर पांच लीटर तक पानी की क्षमता है। जिसे बच्चे आसानी से अपनी कमर के पीछे लटका सकते हैं।
साथ ही पंप वाली पिचकारिया है, जिनमें पांच से लेकर 20 फीट तक की दूरी तक पानी फेंका जा सकता है।
फसल व परीक्षाओं का समय
होली पर्व की निकटता आ गई है, लेकिन इस बार स्कूली व कॉलेज विद्यार्थियों की परीक्षा, आगामी दिनों में बोर्ड की परीक्षाएं होने से विद्यार्थियों का रूझान होली खेलने के प्रति बहुत कम है।
दूसरी और प्रतिकूल मौसम की वजह भी होली खेलने के प्रति आकर्षित नहीं कर रही है। किसान इन दिनों अफीम व अन्य फसलों के कार्यों में व्यस्त है। इससे पर्व की रंगत कम नजर आ रही है।
इस बार होली के दो, चार रहते भी सर्दी का असर पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। सुबह, शाम गुलाबी और रातें सर्द बनी हुई है।
Published on:
26 Feb 2018 06:42 pm
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