
सांवलिया सेठ की शरण में पहुंचे नया साल मनाने
चित्तौडग़ढ़. भदेसर. बीते वर्ष का अंतिम दिन एवं नववर्ष के प्रथम दिन बुधवार को सैकड़ों लोग सांवलिया सेठ की शरण में पहुंचे। सांवलियाजी में हर ओर श्रद्धलुओं की दर्शनों के कतारें और कान्हा के जयकारें की गूंज को इस बात का अहसास करा रही थी कि मानों कोई मेला सा उमड़ पड़ा हो। साल के पहले दिन सांवरा सेठ की एक झलक के लिए लोग घंटों इंतजार करते देखे गए। कई लोग तो मंगला के दर्शन के लिए आधी रात के बाद में ही कतार में लग गए। श्रद्धालुओं ने वर्ष के अन्तिम दिन मंगलवार रात को आतिशबाजी व भजन संध्या भी हुई।सांवलियाजी चौराहा स्थित प्राकट्य स्थल मंदिर पर भी नव वर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड रही, सांवलिया जी चौराहे पर भी कई बार जाम की स्थिती हो गई।
श्रद्धालुओं का मंगलवार प्रात: से ही पहुंचना शुरू हो गया। जो देर रात तक जारी था। वर्ष के अंतिम दिन के अवसर पर यशोदा विहार चौक में मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं की ओर से भजन संध्या का आयोजन किया, वहीं इनके अलावा ओर कई भजन संध्याओं का यहां आयोजन हुआ। मध्यरात्रि में नववर्ष के अवसर पर आतिशबाजी की गई, श्रद्धालु भगवान की शयन आरती के बाद यशोदा विहार चौक में मंदसौरी ढोल पर नाचते दिखे। जबकि मध्यरात्रि 12 बजते ही आतिशबाजी की तथा भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे लगाए।
निकाली शोभायात्रा
नववर्ष के अवसर पर सांवलियाजी मित्र मण्डल की ओर से भी गोकुल विश्रान्ति गृह से सांवलियाजी मन्दिर तक शोभायात्रा निकाली गई, नववर्ष के उपलक्ष्य में पैदल यात्रियों की भी संख्या रिकार्ड रही हैं, गांव-गांव से श्रद्धालु डीजे पर नाचते गाते मन्दिर में दर्शन के लिए पहुंचे।
दर्शन के आगे फिकी लगी सर्दी
मौसम का मिजाज भी अब सख्त है। वर्षों का रिकॉर्ड तोडऩे वाली कड़ाके की ठण्ड के बावजूद नववर्ष में मंगला आरती में पदयात्री तथा वाहनों के साथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में थी। इतनी रिकॉर्ड संख्या थी कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। श्रद्धालुओं की कतारें कोरीडोर के अलावा भी मंदिर परिसर से बाहर यशोदा विहार धर्मशाला के पास पहुंच गई। श्रद्धालुओं के उमडऩे का क्रम तड़के से ही शुरू हुआ जो शाम तक जारी था।
बिस्तर एवं अलाव की भी व्यवस्था
मंदिर मण्डल के प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद्र दाधीच ने बताया कि मंदिर के यशोदा विहार, कृष्ण कुटीर व नंद निकेतन धर्मशालाओं में बरामदों में सो रहे यात्रियों को नि:शुल्क बिस्तर दिए गए तथा तीनों धर्मशालाओं में बडे-बडे हॉल नि:शुल्क खोले गए। इधर मंदिर से जुडे विभीन्न मार्गो पर जहां यात्रियों का दबाव था, वहां पर दो ट्रेक्टर ट्रॉली लकड़ी डलवाकर डेढ दर्जन स्थानों पर अलाव जलाए।
कलक्टर भी फंसे जाम में
श्री सांवलियाजी मंदिर प्रशासन को सुचना के बावजूद वाहनों के आवागमन की समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण चिकारड़ा, निम्बाहेड़ा व आसावरा माताजी जाने वाले मार्ग पर कई बार जाम लग गया, जाम के चलते बुधवार को जिला कलक्टर चेतन देवडा भी इस जाम में मीरां सर्कल के पास फंस गए। पिछले दो-तीन माह से भारी वाहनों का पुन: कस्बे के बीचो-बीच होकर गुजरने का सिलसिला शुरू हो गया। जिससे आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। नव वर्ष के उपलक्ष में हर वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त जाप्ता तो बुलाया गया, लेकिन यातायात नियंत्रण की कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी, इसका परिणाम यह हुआ कि आसावरा माताजी तिराहे से सभी भारी वाहन मीरां सर्कल होकर गुजरे जिससे कबूतर खाना, वासुदेव भवन व मंदिर के गैराज के यहां दोनों कई बार जाम लगा। इसी दौरान नव वर्ष के अवसर पर कलक्टर चेतन देवडा सांवलियाजी दर्शन करने आ रहे थे, वे भी नंद निकेतन धर्मशाला के पास जाम में फंस गए, बाद में कलक्टर के जाम में फंसने की सूचना पुलिस को दी गई, पुलिस ने पहुंच कर जाम खुलवाया, इधर सांवलियाजी मंदिर के उत्तम स्वामी महाराज ने भी भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन किए।
Published on:
01 Jan 2020 10:26 pm
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