चित्तौड़गढ़

Mahadev Temple : मेवाड़ के इस प्रसिद्ध मंदिर का नाम का नाम इसलिए पड़ा खरडेश्वर महादेव…पढ़े पूरी खबर

शहर के सेतु मार्ग स्थित खरड़ेश्वर महादेव मंदिर जन-जन की आस्था का केन्द्र है। सावन माह में विशेष पूजा-अर्चना होती है। यह मंदिर 150 वर्ष से अधिक पुराना है।

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हिमांशु धवल @ चित्तौडगढ़़. शहर के सेतु मार्ग स्थित खरड़ेश्वर महादेव मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है। यहां पर घाटे टाइप खड़ी चट्टानें थी। इसके कारण इसका नाम खरड़ेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। मंदिर परिसर में नीम, पीपल और बरगद के पेड़ भी विशाल पेड़ है। मेवाड़ में खरड़ेश्वर महादेव मंदिर जन-जन की आस्था का केन्द्र है। यहां पर भोलेनाथ का मंदिर वर्षो पुराना है। हालांकि यहां मंदिर भवन 5-10 साल ही पुराना है। मंदिर के पुजारी ललित चौबीसा ने बताया कि पहले यहां पर घाटा टाइप चट्टानें होती थी। इसके कारण इसका नाम खरड़ेश्वर महादेव मंदिर पड़ा है। गर्भगृह 150 वर्ष से अधिक पुराना है। इस पर पहले टीनशेड लगा हुआ था। मंदिर में संत भोलेनाथ झां बाबा की प्रतिमा भी लगी हुई है। इनकी समाधि गंभीरी नदी के किनारे पर बनी हुई है। मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन माह में विशेष पूजा अर्चना होती है। सावन माह में प्रतिदिन सुबह 4 से दोपहर 2 बजे तक भोले बाबा का अभिषेक होता है। इसके बाद बाबा भोलेनाथ का विविध श्रृंगार धराया जाता है। श्रृंगार में मुख्य बात यह है कि भोलेनाथ के श्रृंगार में किसी भी तरह के कृत्रिम या बनावटी वस्तु का उपयोग नहीं किया जाता है। सावन में देररात्रि दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।

तीन पेड़ एक साथ, एक में नाम निवास

मंदिर परिषद में नीम, बरगद और पीपल का पेड़ उगा हुआ है। मंदिर निर्माण के दौरान इसमें से एक भी पेड़ का काटा नहीं गया। तीनों पेड़ अभी भी हरे-भरे हैं। पीपल का पेड़ तो काफी विशाल है। पेड़ में एक स्थान खोखला भी है। इस पर नाग निवास लिखा हुआ है। पुजारी ने बताया कि जब यहां पर पक्की फर्श नहीं थी, तब इसमें नाग निवास करते थे। पक्की फर्श बनने के बाद नाग यहां से चले गए। पीपल का पेड़ काफी विशाल और बहुत चौड़ा है।

मंदिर परिसर में नाग-नागिन का जोड़ा

गंभीरी नदी के तट पर खरड़ेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है। प्रत्यदर्शियों ने बताया कि मंदिर परिसर में नाग-नागिन का जोड़ा रहता है। वह सावन माह में सर्वाधिक दिखाई देते है। करीब 8-10 फीट उनकी लम्बाई है, लेकिन मंदिर में आजतक किसी को परेशान नहीं किया। मंदिर में सच्चे दिल से मन्नत मांगने पर वह पूरी होती है।

घर में बने व्यंजनों से छप्पन भोग आज

खरड़ेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को 56 भोग धराया जाएगा और भजन संध्या होगी। भोलेनाथ का कृष्ण स्वरूप में शृंगार धराया जाएगा। खरड़ेश्वर महादेव सेवा पूजा संस्थान की ओर से 56 भोग के लिए मंदिर में पर्ची रखी है, जो श्रद्धालु पर्ची निकालते हैं और उसमें व्यंजन लिखा होता है, वही व्यंजन घर से बनाकर भोग धराते हैं। इसमें 100 से अधिक मिठाई, चावल, पकौड़ी, मालपुए, खीर, हलवा, नमकीन, साबूदाने की खिचड़ी, माखन, पंजीरी सहित विविध व्यंजन शामिल।

Updated on:
28 Jul 2025 11:51 am
Published on:
28 Jul 2025 11:49 am
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